आप भी गैस से बनाते हैं खाना तो हो जाएं सावधान, कहीं एक्सपायर तो नहीं है सिलेंडर; ऐसे करें जांच
खाने-पीने का सामान या फिर दवाइयों के एक्सपायर होने के साथ रसोई में इस्तेमाल हो रहा गैस सिलेंडर भी एक्सपायर होता है। इसके लिए उपभोक्ताओं को जागरूक होना पड़ेगा। हर सिलेंडर पर एक्सपायर डेट लिखी होती है। ऐसे करें जांच।
जासं,सिवान: खाने-पीने का सामान या फिर दवाइयों के एक्सपायर होने के साथ रसोई में इस्तेमाल हो रहा गैस सिलेंडर भी एक्सपायर होता है। इसके लिए उपभोक्ताओं को जागरूक होना पड़ेगा। हर सिलेंडर पर एक्सपायर डेट लिखी होती है, जिसके बारे में बहुत ही कम उपभोक्ता जानकारी रखते हैं। गैस सिलेंडर बनाते समय प्लांट से एक्सपायरी डेट लिखी जाती है। हालांकि गैंस एजेंसी के संचालक का कहना रहता है कि एक्सपायरी सिलेंडर कभी भी उपभोक्ताओं को नहीं दिया जाता है। कंपनी से एक्सपायरी सिलेंडर की जांच कर एजेंसी के पास भेजा जाता है।
साल के तीन-तीन महीनों को दर्शाते हैं एक कोड
सिलेंडर के ऊपरी हिस्से में बड़े अक्षरों में ये अल्फाबेट्स लिखे होते हैं। जिसके आगे अंकों में साल का जिक्र होता है। एक्सपायरी डेट आते ही प्लांट से ही सिलेंडर हटा लिए जाते हैं। फिर उनको टेस्टिंग के लिए भेजा जाता है। सिलेंडर पर एक्सपायरी डेट कोड में लिखा रहता है। यह एबीसीडी के रूप में इंगित रहता है। एक कोड साल के तीन-तीन महीनों को दर्शाते हैं।
जानिए एक्सपायरी कोड
ए- जनवरी से मार्च
बी- अप्रैल से जून
सी- जुलाई से सितंबर
डी- अक्टूबर से दिसंबर
ए- 20 यानी सिलेंडर मार्च 2020 तक ही मान्य
डी- 21 यानी सिलेंडर दिसंबर 2021 तक वैध
सिलेंडर फटने पर रखें विशेष ध्यान
सबसे पहले पुलिस व गैस एजेंसी को सूचना करें, घटनास्थल व हादसे की जांच हो सके, जांच रिपोर्ट के आधार पर क्लेम की राशि के लिए दावा करें।
हल्के लीकेज पर भी नहीं करें नजर अंदाज
सिलेंडर के हल्के लीकेज को भी नजर अंदाज नहीं करना चाहिए, नहीं तो खतरा हो सकता है। इसके साथ-साथ गैस पाइप गुणवत्ता से भी समझौता बिल्कुल ना करें। यदि दिक्कतें आएं तो तत्काल एजेंसी से संपर्क करें, ताकि खतरे से बचा जा सके।