लंदन की दुल्हनिया को भाया बिहार का छोरा, गुलाबी मंडप में लिए सात फेरे
सात समंदर पार लंदन की बाला सैफ्रन को बिहार का दूल्हा चंद्रशेखर इतना भाया कि वे देश छोड़कर बिहारी रीति-रिवाज से शादी करने पटना पहुंची। रविवार को होटल मौर्य में दोनों ने शादी की।
पटना / पूर्वी चंपारण [संजय कुमार उपाध्याय]। कहते हैं प्यार की कोई सीमा रेखा नहीं होती। कहीं भी, कभी भी किसी से हो जाता है। सबसे बड़ी खुशी तब होती है जब दो दिल जीवन भर के लिए एक-दूजे के हो जाते हैं। कुछ ऐसी ही रही पूर्वी चंपारण के लखौरा निवासी ई. शशिभूषण सिंह के पुत्र ई. चंद्रशेखर व सात समंदर पार यूके के हेरफील्ड म्यूज (लंदन) निवासी हिलेरी पामर व मार्टिन पामर की पुत्री सैफ्रन की प्रेम कहानी।
दोनों के प्यार को परिवार की मंजूरी मिली और सात फेरे लेने का अवसर आया तो सैफ्रन ने भारतीय परंपरा के हिसाब से अपने विवाह को यादगार बनाने की भरपूर कोशिश की। स्वयं पटना के मौर्या होटल में विवाह मंडप को गुलाबी रंग में तैयार कराया। गुलाब व अन्य फूलों से सजे मौर्या होटल के लुंबिनी हॉल के बाह्य परिसर के गुलाबी पंडाल में प्रेमी युगल ने रविवार को सात फेरे लिए। हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार दोनों की शादी हुई।
रविवार की रात संपन्न इस शादी के लिए राजधानी पटना के मौर्या होटल में गुलाबी मंडप बनाया गया। इसके पहले राजधानी के राजीवनगर स्थित चंद्रकांता कॉम्पलेक्स से ई. शशिभूषण सिंह अपने आवास से सायं साढ़े पांच बजे धूमधाम से पुत्र ई. चंद्रशेखर की बारात लेकर निकले।
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एक दशक पुराने प्यार को मिली मंजिल
शादी के दिन दैनिक जागरण से हुई खास बातचीत में ई. चंद्रशेखर ने बताया कि वर्ष 2003 में वे लंदन पढ़ाई के लिए गए थे। कॉलेज में ही सैफ्रन से प्यार हुआ। परिवार के लोगों ने मंजूरी दी। कई साल परिवार की इजाजत का इंतजार किया। अब जब इंतजार की घडिय़ांं समाप्त हुईं और परिणय सूत्र में बंध रहे हैं। लग रहा है कि मां-पिता व ईश्वर ने हमपर आशीर्वाद बरसाया है। सैफ्रन के भाई ने कहा- भारतीय परंपरा का जवाब नहीं विवाह समारोह स्थल पर सैफ्रन के भाई क्रिश्चन पामर ने कहा - भारतीय शादी का जवाब नहीं है। ऐसी शादी लंदन में नहीं होती है। हम यहां आकर गर्व महसूस कर रहे हैं। हमारी बहन ई. चंद्रशेखर के घर में खुश रहेगी। उनके पिता ई. शशिभूषण ङ्क्षसह एक अच्छे इंसान है। मां अनिता देवी का तो जवाब ही नहीं है। सैफ्रन की मां व भाई ने किया बारातियों का स्वागत पटना के राजीव नगर स्थित चंद्रकांता कॉम्पलेक्स से ई. चंद्रशेखर की बरात लेकर उनके पिता ई. शशिभूषण सिंह निकले। बारात डाक बंगला चौराहा होते हुए करीब तीन किमी की दूरी तय कर होटल मौर्या पहुंची। वहां लंदन से आए सैफ्रन के भाई क्रिश्चन पामर व मां हिलेरी पामर ने अन्य परिजनों के साथ बरातियों का फूल-माला से स्वागत किया। राजद सुप्रीमो समेत कई दिग्गज पहुंचे सैफ्रन व ई. चंद्रशेखर की शादी में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद मौर्या होटल पहुंचे। वहां विदेश से आए लोगों के साथ वर के पिता ई. शशिभूषण सिंह व सुनील सिंह ने पहले लालू प्रसाद का स्वागत किया। राजद सुप्रीमो गुलाबी पगड़ी पहने बरातियों के साथ काफी देर तक बैठे रहे। उन्होंने वरमाला के बाद वर-वधू को आशीष दिया।
बिहार की शादी अनोखी
शादी के जिन रस्मों से सैफ्रन बिल्कुल अनजान थी आज वो उनकी अपनी हैं। सैफ्रन कहती हैं कि बिहार के लोग अच्छे हैं। बिहार की शादी अनोखी है।
प्रेमी युगल ने कहा- माता-पिता का आशीष अहम
चंद्रशेखर और सैफ्रन अपनी पारंपरिक शादी की बाबत बताते हैं कि माता-पिता के आशीर्वाद के बिना कुछ भी बेहतर नहीं होता। सो उन्होंने भारतीय परंपरा को कायम रखते हुए बिहार आकर शादी की।
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पिता बोले, बेटे के प्यार व उन्नति से बड़ी कोई चीज नहीं
ई. चंद्रशेखर के दादा सुरेन्द्र सिंह व पिता शशिभूषण सिंह कहते हैं कि हर आदमी के जीवन में जीवन-संगिनी का अहम रोल होता है। परिवार का पुत्र अपने पैरों पर खड़ा है। उसने एक संस्कारवान लड़की से प्यार किया है और परिवार के रीति-रिवाज के हिसाब से ब्याह किया है। यह सबसे बड़ी बात है। बेटे के प्यार व उन्नति से बड़ी कोई और चीज नहीं है।
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