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Bihar Lok Sabha Election Result: नहीं चला लालू का जादू- चाचा रामकृपाल ने भतीजी मीसा को फिर हराया

Misa Bharti lose Pataliputra Constituency Seat in Lok Sabha Election 2019 भाजपा नेता रामकृपाल यादव ने फिर से राजद नेता मीसा भारती को पाटलिपुत्र सीट से हरा दिया है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 23 May 2019 04:01 PM (IST)Updated: Fri, 24 May 2019 10:21 PM (IST)
Bihar Lok Sabha Election Result: नहीं चला लालू का जादू- चाचा रामकृपाल ने भतीजी मीसा को फिर हराया
Bihar Lok Sabha Election Result: नहीं चला लालू का जादू- चाचा रामकृपाल ने भतीजी मीसा को फिर हराया

पटना, जेएनएन। लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2019) का परिणाम घोषित हो चुका है और पटना की हॉट सीट कही जाने वाली पाटलिपुत्र सीट पर एक बार फिर भाजपा नेता रामकृपाल यादव ने जीत दर्ज की है   और उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती को फिर से करारी शिकस्त दी है।  

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बता दें कि सन 2009 के लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections) में पहली बार पटना लोकसभा क्षेत्र को बांटकर पटना साहिब और पाटलिपुत्र दो लोकसभा क्षेत्र बनाए गए थे और इस सीट पर 2009 में जेडीयू के प्रत्याशी रंजन प्रसाद यादव ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को हराकर चुनाव इस सीट पर जीत दर्ज की थी।

उसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में राजद के ही रामकृपाल यादव इस सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन जब लालू ने रामकृपाल को टिकट नहीं देकर अपनी बड़ी बेटी मीसा भारती को पाटलिपुत्र का उम्मीदवार बनाया तो रामकृपाल नाराज हो गए और भाजपा से टिकट पाकर इसी सीट से चुनाव लड़ा और मीसा भारती को  23 हजार से कुछ अधिक वोटों से हरा दिया था।

2008 के परिसीमन के बाद दुबारा अस्तित्व में आया पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र हाई प्रोफाइल वाला रहा है। अस्तित्व में आने के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव से ही लालू फैमिली लगातार इस क्षेत्र पर अपना कब्जा जमाना चाह रहा है। 2009 के चुनाव में तो लालू प्रसाद ने खुद ही यहां से ताल ठोकी थी।

इसके बाद 2014 और अभी 2019 में लालू प्रसाद की पुत्री मीसा भारती ने इस सीट पर कब्जे के लिए एड़ी-चोटी एक कर दिया। 2009 में लालू को और 2014 में मीसा को पाटलिपुत्र से करारी शिकस्त मिली थी। इस संसदीय क्षेत्र का उल्लेखनीय तथ्य यह रहा है कि जो भी मुख्य प्रतिद्वंदी प्रत्याशी यहां रहे हैं, कभी एक-दूसरे के बेहद करीबी थे।

2009 में लालू प्रसाद को पराजित करने वाले रंजन यादव कभी लालू के सम्राज्य के ही चाणक्य कहे जाते थे। जब मनमुटाव हुआ तब नीतीश कुमार की तीर थाम लालू की ही लालटेन को फोड़ डाला। 2009 के चुनाव में रंजन यादव को दो लाख 69 हजार 298 वोट प्राप्त हुए थे, जबकि लालू प्रसाद को दो लाख 45 हजार 757 वोट प्राप्त हुए थे। रंजन यादव जीत कर संसद पहुंचे थे।

इस सीट पर कब्जा करने की लालू की अधूरी मंशा को 2014 में मीसा भारती ने पूरा करने के लिए प्रयास तो किया था, पर तब सफलता छिटक गई थी। मीसा के सामने भाजपा के रथ पर सवार रामकृपाल यादव खड़े थे। रामकृपाल भी कभी लालू फैमिली के खास ओर विश्वासपात्र हुआ करते थे।

मीसा रामकृपाल को चाचा भी कहा करती थी। पर चुनाव में रामकृपाल ने मीसा को पराजित कर संसद की सीढ़ी चढ़ी। तब रामकृपाल को तीन लाख 83 हजार 262 वोट प्राप्त हुए थे और मीसा को तीन लाख 42 हजार 940 वोट। 2019 का चुनाव भी लालू फैमिली के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ था।

पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र के तहत छह विधानसभा आते हैं। जाहिर है परिणाम का कमोवेश असर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी पड़ेगा। दानापुर, मनेर, फुलवारी, मसौढ़ी, पालीगंज और विक्रम विधानसभा पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्राधीन हैं।

यही वजह है कि 2014 की मोदी लहर में महज 41 हजार वोटों से जीतने वाले रामकृपाल के लिए मीसा यादव बड़ी चुनौती बनी हुई थीं, लेकिन मीसा भारती और रामकृपाल दोनों एक ही जाति से हैं इसीलिए दोनों के वोटों में कम ही मार्जिन पिछली बार भी थी और इस बार भी है। 

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