अब ट्रेन कहां है? इसकी मिलेगी सही जानकारी, जानिए
रनिंग ट्रेन का स्टेटस सही मिलने की वजह से लोगों को परेशानी होती थी, लेकिन अब इस परेशानी से रेल यात्रियों को जल्द छुटकारा मिल जाएगा।
पटना [जेएनएन]। रनिंग ट्रेन के स्टेटस में गलत फीडिंग की वजह से लोगों को काफी परेशानी होती थी। ट्रेन फतुहा में खड़ी है और नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम (एनटीईएस ) फीडिंग में दिखता है कि ट्रेन पटना जंक्शन चुकी है। ट्रेन आरा में ही है और दिखा दिया जाता है कि दानापुर आने वाली है। अक्सर इस तरह की जानकारियां यात्रियों को ट्रेनों के स्टेट्स देखने पर पता चलता है।
गलत फीडिंग की शिकायत दानापुर मंडल में काफी समय से चली रही थी। दूसरे मंडलों से भी कमोबेस इसी तरह की शिकायत मिलती थी। लेकिन, अब ऐसी शिकायतें नहीं मिलेंगी। क्योंकि जल्द ही ट्रेनों के लोकोमोटिव (इंजन) में डॉटा लाॅगर लग जाएगा। डॉटा लॉगर लगने से ऑटोमेटिक फीडिंग चार्ट बनता जाएगा। फिर ऑटोमेटिक फीडिंग होने लगेगी और यात्रियों को ट्रेनों के सही स्टेट्स की जानकारी मिलती रहेगी।
मालगाड़ियां बगैर बाढ़ आए ही सीधा निकल जाएंगी
अभी झाझा की तरफ से कोयला आता है। इस वजह से बाढ़ स्टेशन पर मालगाड़ी रुकती है। वहां इंजन बदलकर इस रैक को एनटीपीसी ले जाया जाता है। इस कारण बाढ़ स्टेशन की एक रेल लाइन बाधित रहती है। मेन लाइन परिचालन पर असर पड़ता है। फ्लाईओवर बन जाने के बाद कोयला लेकर आने वाली मालगाड़ियां बगैर बाढ़ को टच किए सीधा निकल जाएंगी।
डीआरएम ने कहा-एनटीईएस में गलत फीडिंग करने वाले नपेंगे
दानापुर डीआरएम रंजन प्रकाश ठाकुर ने कथा था कि एनटीईएस में गलत फीडिंग करने वाले नपेंगे। जहां गाड़ी है, वहीं की पंक्चुएलिटी दिखाई जाएगी। इसके बाद उन्होंने फीडिंग मामले को लेकर रेलवे बोर्ड दूसरे मंडलों के अधिकारियों से संवाद किया। इसके बाद तमाम मंडलों में एनटीईएस में फीडिंग को लेकर कवायद शुरू हो गई।
दानापुर मंडल में भी कई तरह के सुधार हुए। डीआरएम ने बताया कि तमाम कवायद का असर हुआ है कि गलत फीडिंग कम हो गई है। अब महज 10 मिनट का टाइम वेरिएशन रह गया है। यह भी जल्द दूर कर लिया जाएगा। इस वजह से फीडिंग को लेकर कंप्लेन आना कम हो गया है। रेलवे के संबंधित कर्मचारी प्रॉपर फीडिंग कर रहे हैं।
इस बीच डॉटा लॉगर के बारे में डीआरएम ने बताया कि यह सुविधा जल्द ही लोकोमोटिव में लगाने की योजना है। डॉटा लॉगर लगने के बाद किसी तरह की गड़बड़ी नहीं होगी। इसका फायदा यह होगा कि ट्रेन लेट रहने पर भी कोई रेलकर्मी झूठ नहीं बोल पाएंगे।