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Bihar Lockust Attack: बिहार में जगह-जगह पाकिस्‍तानी टिड्डियों का हमला, किसानों में मचा हडकंप

Bihar Lockust Attack पाकिस्‍तान से चले टिड्डियों के दल बिहार के कई जिलों तक पहुंच गए हैं। इनके एक साथ करोड़ों की तादाद में आने से हड़कम्‍प मच गया है। हालांकि किसान सजग हैं।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 06:30 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 10:51 PM (IST)
Bihar Lockust Attack: बिहार में जगह-जगह पाकिस्‍तानी टिड्डियों का हमला, किसानों में मचा हडकंप
Bihar Lockust Attack: बिहार में जगह-जगह पाकिस्‍तानी टिड्डियों का हमला, किसानों में मचा हडकंप

पटना, जागरण टीम। पाकिस्‍तान से आए टिड्डियों के दलों ने बिहार में जगह-जगह फसलों पर हमला करना शुरू कर दिया है। राहत की बात यह है कि सजग किसान उन्‍हें भगाने में कामयाब हो रहे हैं। टिड्डियों के हमले को लेकर भोजपुर, बक्‍सर, रोहतास, कैमूर, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, सारण, सिवान, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण व पश्चिमी चंपारण जिलों को संवेदनशील घोषित किया गया है। यहां सर्वाधिक खतरा है। हालांकि, अन्‍य कई जिलों को लेकर भी अलर्ट जारी किया गया है। इस कारण किसानों में हड़कम्‍प मच गया है।

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भोजपुर: कई प्रखंडों में पहुंचे टिड्डियों के दल

टिड्डियों के दल भोजपुर पहुंच गए हैं। भोजपुर के पीरो, तरारी, सहार और अगिआंव प्रखंडों में इनके पहुंचने की अधिकारिक पुष्टि हुई है। बताया जाता है कि रोहतास के रास्ते टिड्डी दल भोजपुर में शनिवार की देर शाम प्रवेश किया। इनकी तादाद लाखों में है।

पटना में खतरा को देखते हुए हाई अलर्ट जारी

यूपी के सीमावर्ती जिलों से टिड्डियों का दल अरवल होते हुए पटना भी पहुंच गया है। उनके बिक्रम और पाली में पहुंचने की सूचना मिली है।  इसे देखते हुए हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।

पश्चिम चंपारण: खदेड़ने में कामयाब रहे किसान

पश्चिम चंपारण के तराई इलाके में मैनाटांड़ के चौहट्टा गांव के दक्षिण एवं गौनाहा के मानपुर में टिड्डियों के दल रविवार की सुबह में दिखाई दिए। किसानों ने थाली और ताली बजाकर उन्‍हें खदेड़ दिया। मैनाटांड़ के चौहट्टा पंचायत के वार्ड सदस्य मनोज महतो, शिवरतन महतो ने बताया कि किसानों के खेतों में लगाए गए सागवान के पेड़ पर टिड्डियों ने डेरा जमाया था। किसानों की टोली  थाली और टीन लेकर पहुंची और आधे घंटे में टिडि्डयों को खदेड़ने में कामयाब रही। सूचना के करीब पांच घंटे बाद पहुंची कृषि विभाग की टीम को कुछ नहीं दिखा। प्रखंड कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार सहनी ने बताया कि किसान टिडि्डयों को खदेड़ने में कामयाब हो गए।

कुछ ही घंटों में चट कर जाते फसल

कृषि विज्ञान केंद्र (आरा) के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. पीके द्विवेदी ने कहा कि टिड्डी सर्वभक्षी कीटों की श्रेणी में आते हैं, जो किसी भी पौधे को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ये कीट कुछ ही घंटों में फसलों को चट कर जाते हैं। ये किसी क्षेत्र में प्राय: शाम छह बजे से आठ बजे के आसपास जमीन पर बैठ जाते हैं और रात में फसल को तहस-नहस कर देते हैं। ये हरी फसलों, सब्जी फसल, बाग-बगीचों में एक साथ झुंड के रूप में बैठकर पत्तियों को नष्ट कर देती हैं।

तेज ध्‍वनि से हो सकता इनसे बचाव

किसान सामूहिक रूप से गांव व क्षेत्र में ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग कर टिड्डियों को भगा सकते हैं। इसके अलावा आग जलाने, पटाखे फोडऩे, थाली, टीन पीटने, ढोल व नगाड़े बजाने से भी ये भाग जाते हैं। तेज ध्वनि को ये कीट बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं।

किसान इनका खेतों में करें छिड़काव

फसलोंं पर यदि टिड्डियों का प्रकोप बढ़ जाए तो कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करके भी इनको मारा जा सकता है।  फसलों पर नीम के बीजों का पाउडर बनाकर 40 ग्राम पाउडर प्रति लीटर पानी में घोल कर उसका छिड़काव किया जाए तो दो-तीन सप्ताह तक वे सुरक्षित रहतीं हैं। इसके अलावा अन्‍य कीटनाशकों का भी उपयोग किया जा सकता है।

टिड्डियों के आने को लेकर चेतावनी जारी

बिहार के पौधा संरक्षा विभाग ने कई जिलों में टिड्डियों के आने को लेकर चेतावनी जारी की है। आइए डालते हैं इसपर नजर...


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