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बिहार में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत दिया गया हजार करोड़ से अधिक का कर्ज, 86544 छात्र-छात्राओं को मिला लाभ

बिहार में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत अगस्त 2020 तक 1086 करोड़ रुपये का कर्ज दिया जा चुका था। यह लाभ कुल 86544 छात्र-छात्राओं को मिला। शिक्षा को लेकर गंभीर मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने मेडिकल व इंजीनिय‍रिंग में लड़कियों को 33 फीसद आरक्षण भी दिया है।

By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 03 Jun 2021 06:31 PM (IST)Updated: Thu, 03 Jun 2021 06:31 PM (IST)
बिहार में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत दिया गया हजार करोड़ से अधिक का कर्ज, 86544 छात्र-छात्राओं को मिला लाभ
उच्‍च शिक्षा के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत दिया गया हजार करोड़ से अधिक का कर्ज। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

पटना, स्‍टेट ब्यूरो। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना (Student Credit Card Scheme) के तहत राज्य के छात्र-छात्राओं को अबतक हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज दिया गया है। इससे 86 हजार 544 छात्र-छात्राओं को लाभ मिला। बदले में कोई गारंटी नहीं देनी पड़ी। जनता दल यूनाइटेड के विधान परिषद सदस्य (JDU MLC) एवं पूर्व मंत्री नीरज कुमार (Niraj Kumar) ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 1086 करोड़ रुपये के कर्ज का आंकड़ा अगस्त 2020 तक का है। यह बताता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) आम लोगों, खासकर गरीबों और कमजोर लोगों के बच्चों की शिक्षा के प्रति कितने गंभीर हैं।

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सीएम नीतीश ने दिया मेडिकल व इंजीनिय‍रिंग में 33 फीसद आरक्षण

नीरज ने कहा कि मेडिकल-इंजीनियरिंग कॉलेजों के दाखिले में बेटियों के लिए 33 फीसद आरक्षण (33 Percent Reservation to Girls in Medical and Engineering) महिला सशक्‍तीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। पंचायती राज और सरकारी सेवाओं में महिलाओं को पहले से आरक्षण हासिल है। साइकिल, पोशाक और मुफ्त किताब योजनाओं के जरिए लड़कियां बराबरी का दर्जा हासिल कर चुकी हैं।

आज बिहार में 38 इंजीनियरिंग कॉलेज, 10 सरकारी मेडिकल कॉलेज

उन्होंने कहा कि कलम छोड़ कर लाठी पकड़ने की सलाह देने वाले लोग शिक्षा के क्षेत्र में नीतीश कुमार के योगदान को नहीं समझ सकते हैं। लालू-राबड़ी शासन (Lalu-Rabri Governance Era) के 15 वर्षों में सरकारी क्षेत्र में एक भी इंजीनियरिंग या मेडिकल कॉलेज नहीं खुला। निजी क्षेत्र में तीन इंजीनियरिंग कॉलेज खुले, लेकिन रंगदारी के चलते बंद हो गए। नीतीश शासनकाल में आज 38 इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। करीब 10 हजार सीटें हैं। निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में सात सौ सीटें हैं। कोई छात्र 15 हजार रुपया से भी कम खर्च कर इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर सकता है। आज राज्य में 10 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं, जहां मामूली फीस देकर छात्र पढ़ रहे हैं।


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