Patna Coronavirus Update: 16 दिनों से नहीं मिला कोरोना का मरीज, 17 विदेशियों भेजे गए जेल
पटना में राहत भरी इस खबर के बावजूद कोरोना वायरस को लेकर सख्ती जारी रखी जा रही है। यहां पढ़ें राजधानी से कोरोना वायरस की लाइव खबर।
पटना, जेएनएन। पटना में पिछले 16 दिनों में एक भी कोरोना का मरीज नहीं मिला है। राहत भरी इस खबर के बावजूद अभी सख्ती जारी रखने के संकेत दिए गए हैं। वहीं 23 मार्च को दीघा और फुलवारीशरीफ स्थित मस्जिदों से पकड़े गए 17 विदेशियों को सोमवार को पुलिस ने कोर्ट में पेश करने के बाद बेउर जेल भेज दिया। इनमें किर्गिस्तान के नौ, मलेशिया के सात और एक कजाकिस्तान का निवासी है। ये सभी तब्लीगी मरकज से जुड़े बताए जाते हैं। एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि सात के खिलाफ फुलवारीशरीफ और दस के खिलाफ दीघा थाने में वीजा उल्लंघन मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। सभी टूरिस्ट वीजा पर आए थे, लेकिन धार्मिक प्रचार करते पकड़े गए थे।
इन सभी की उस समय कोरोना जांच कराई गई थी, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद इन्हें क्वारंटाइन किया गया था। शुक्रवार को क्वारंटाइन अवधि पूरी होने के बाद सोमवार को फिर से इनकी जांच हुई। जांच रिपोर्ट कोरोना निगेटिव आने के बाद सभी को देर शाम बेउर जेल भेज दिया गया। जेल में इन सभी को अलग वार्ड में रखा गया है। इनको किसी से मिलने की अनुमति नहीं दी गई है।
लॉकडाउन के उल्लंघन पर दवा दुकादार हिरासत में, छोड़ा
मसौढ़ी के अस्पताल रोड में मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ। ग्राहकों की शारीरिक दूरी न होने और लॉकडाउन का उल्लंघन के आरोप में पुलिस ने एक दवा दुकानदार को हिरासत में ले लिया। इससे आक्रोशित होकर अस्पताल रोड के सभी दवा दुकानदारों ने अपनी दुकानें बदं कर दीं। इस दौरान करीब एक घंटे तक दुकानें बंद रहीं। हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने दुकानदार को छोड़ दिया। तब जाकर दुकानें खुलीं।
निर्बाध आपूर्ति की व्यवस्था
डीएम कुमार रवि ने 21 दिनों के लॉकडाउन की समीक्षा के बाद बताया कि इस दौरान आवश्यक वस्तुएं और सेवाओं के साथ दैनिक उपयोग में आने वाले सामान की आपूर्ति सुनिश्चित कराने की पूरी कोशिश की गई है। होम डिलीवरी व दुकानों के माध्यम से निर्बाध आपूर्ति की व्यवस्था की गई है। आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों व वाहनों का ऑनलाइन पास निर्गत किया गया है।
किया जा रहा हाउस टू हाउस सर्वे
डीएम ने बताया कि पटना में विदेश या दूसरे राज्यों से आए लोगों की स्क्रीनिंग व जांच की गई है। लोगों को आवश्यकतानुसार होम क्वारंटाइन या क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है। इस क्रम में हाउस टू हाउस सर्वे भी कराया गया है। सोडियम हाइपो क्लोराइड एवं ब्लीङ्क्षचग के छिड़काव कार्य में भी तेजी लाया गया है। संक्रमण से बचाव के लिए आम लोगों में जागरूकता पैदा की गई है। डीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अप्रैल, मई व जून माह के लिए मुफ्त में पांच किलो खाद्यान्न उपलब्ध कराने की कार्रवाई जारी है। निर्धन व निराश्रितों के लिए शहरी क्षेत्रों में 23 आपदा राहत केंद्र,सामुदायिक रसोई, वितरण केंद्र संचालित हैं।
इन केंद्रों पर प्रतिदिन 18,000 लोगों को भोजन ग्रहण कराया जा रहाा है और 400 व्यक्ति ठहरे हुए हैं। डीएम ने आवश्यक स्थलों पर आपदा राहत केंद्र शुरू करने का निर्देश अपर समाहर्ता को दिया। बैठक में राहत केंद्रों पर खाद्य सामग्री,मास्क व सैनिटाइजर की कीमत निर्धारित करने का निर्णय लिया गया। बैठक में एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा, जिला परिषद अध्यक्ष अंजू देवी, डीडीसी रिची पांडे, अपर समाहर्ता मृत्युंजय कुमार, सिविल सर्जन डॉ. राज किशोर चौधरी सहित कई अधिकारी मौजूद थे।
51 ट्रैफिक चेकपोस्ट पर हो रही जांच
शहर के 51 पुलिस चेकपोस्ट पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती हुई है। जहां पहले दो से तीन जवान तैनात रहते थे, अब हर पोस्ट पर इनकी संख्या पांच से अधिक कर दी गई है। ट्रैफिक पुलिस लॉकडाउन में घर से बाहर निकलने वालों से वाहन के कागजात मांग रही है।
सुरक्षा को लेकर तैनात हुईं 21 क्यूआरटी
पुलिस प्रशासन ने चौक-चौराहों पर चौकसी बढ़ाने के साथ ही 21 (क्विक रिस्पांस टीम) क्यूआरटी तैनात की है। यह थानों के साथ मुख्य चौराहों पर मौजूद रहती है। साथ ही सौ से अधिक बाइक सवार पुलिसकर्मी लगातार मुख्य मार्ग से लेकर शहर की गलियों में भ्रमण कर रहे हैं।