Coronavirus Patna Update: बीएमपी जवानों के संक्रमित होने से फैली दहशत, निरीक्षण करने पहुंचे डीजीपी
खाजपुरा से संक्रमित मिले बीमपी जवान ने राजधानीवासियों की चिंता एकबार बढ़ा दी है। यहां दोबारा छह कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं। इसके साथ ही पटना में कोरोना के कुल मामले 52 हो गए हैं।
पटना, जेेएनएन। राजधानी में कोरोना संक्रमण की नई चेन सामने आई। गुरुवार को बिहार मिलिट्री पुलिस (बीएमपी) की बैरक में रह रहे सेवानिवृत जवान की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद शुक्रवार को पांच और जवान कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की जानकारी में बताया गया कि शुक्रवार को मिले पांचों संक्रमित बीएमपी जवान गुरुवार को मिले जवान के संपर्क वाले हैं। इनकी कांटेक्ट हिस्ट्री तैयार की जा रही है। पांच नए मामले मिलने के बाद पटना में संक्रमितों की संख्या 52 हो गई है।
डीजीपी ने लिया जायजा
एयरपोर्ट के समीप बिहार मिलिट्री पुलिस (बीएमपी) की बैरक नंबर 14 से एक साथ पांच नए मरीज मिलने से जवानों में खौफ बढ़ गया है। शनिवार की दोपहर खुद डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय निरीक्षण के लिए पहुंचे। उनके साथ बीएमपी के एडीजी समेत तमाम आला अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान डीजीपी ने सफाई और व्यवस्था का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान डीजीपी ने पटना स्थित बीएमपी की पांचों बटालियन का जायजा लिया।
पांच जवानों ने कहां ड्यूटी की, इसकी भी तफ्तीश
सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने बताया कि गुरुवार को जिस सेवानिवृत्त जवान की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, वह डायबिटिक था। इसके अलावा व खाजपुरा शिवमंदिर के पीछे से लेकर एक किलोमीटर के दायरे मे कई जगह जाया करता था। पांच अन्य जवान भी आसपास के क्षेत्र में कई जगह बैठा करते थे। इसे देखते हुए पूरे क्षेत्र में सघन जांच की जाएगी। कोरोना पॉजिटिव पाए गए पांच जवानों की ड्यूटी इस बीच कहां-कहां लगी थी और वह किन-किन लोगों के संपर्क में आए थे, इसकी जानकारी शुक्रवार सुबह अधिकारियों से एकत्र की जाएगी। जिन इलाकों में उन्होंने ड्यूटी की है, वहां की स्क्रीनिंग के साथ संपर्क में आए लोगों के नमूने लेकर जांच को भेजे जाएंगे।
आइजीआइएमएस में कोरोना जांच के लिए भर्ती होना जरूरी
सिविल सर्जन ने बताया कि अब आइजीआइएमएस में भी अब कोरोना की जांच कराने के लिए लोगों को कम से कम एक दिन भर्ती होना होगा। चाहे व्यक्ति में कोई लक्षण हो या नहीं। बताते चलें कि पहले बिना लक्षण वाले लोग नौकरी में योगदान आदि के लिए रिपोर्ट की जरूरत बता बिना भर्ती हुए सैंपल देकर जांच करा लिया करते थे। वित्त विभाग के डाटा ऑपरेटर का ऐसा ही मामला था। इसके अलावा रिपोर्ट अनिश्चित होने पर भी दोबारा जांच के लिए कहा गया है। बताते चलें कि कई डॉक्टरों की अनिश्चित रिपोर्ट बताकर क्वारंटाइन कर दिया गया था।