आरसीपी बोले-बिहार की तरह यूपी में भी भाजपा के साथ लड़ेंगे, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दे दिया अल्टीमेटम
केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की पहल पर जदयू ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा बुधवार को टाल दिया। इसके साथ यह भी तय हो गया कि जदयू अपना उम्मीदवार जरूर उतारेगा।भाजपा से बात नहीं बनी तो उम्मीदवारों की न्यूनतम संख्या 51 रहेगी।
राज्य ब्यूरो, पटना। केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की पहल पर जदयू ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections 2022) के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा बुधवार को टाल दी। इसके साथ यह भी तय हो गया कि जदयू अपना उम्मीदवार जरूर उतारेगा। भाजपा से बात नहीं बनी तो उम्मीदवारों की न्यूनतम संख्या 51 रहेगी। जरूरत पड़ी तो यह बढ़ भी सकती है। बातचीत हो जाए तो कुछ कम सीटों पर भी समझौता हो सकता है। नई दिल्ली स्थित जदयू के राष्ट्रीय कार्यालय में बुधवार को हुई पार्टी नेताओं की बैठक में केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन के मसले पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से उनकी एक दौर की बातचीत हुई है। भाजपा का रुख सकारात्मक है। एक दौर की और बातचीत होगी। उसमें ठोस परिणाम आएगा। उन्होंने कहा 2020 में बिहार में भाजपा-जदयू साथ लड़े थे और बिहार में एनडीए की सरकार बनी। हमारी कोशिश है यूपी में भी जदयू एनडीए के साथ मिलकर लड़े। भाजपा से बातचीत के लिए जदयू ने आरसीपी सिंह को अधिकृत किया है।
भाजपा से बात नहीं बनेगी तब लेंगे फैसला
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह ने बैठक के बाद कहा कि आरसीपी सिंह ने जो जानकारी दी, उस आधार पर बुधवार को उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की गई। हम भाजपा के सकारात्मक संदेश का इंतजार करेंगे। अगर बात नहीं बनती है, तो पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अनूप पटेल उम्मीदवारों की घोषणा कर देंगे। उनके पास 51 विधानसभा क्षेत्र के साथ उम्मीदवारों की भी सूची भी है। वह इसकी घोषणा के लिए अधिकृत भी हैं।
51 उम्मीदवारों की सूची तय है, बढ़ भी सकती है संख्या
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि अगर भाजपा से समझौता नहीं होता है कि हमारी लड़ने वाली सीटों की संख्या बढ़ भी सकती है। प्रदेश अध्यक्ष को कहा गया है कि वह जरूरत समझें तो जीतने लायक और सीटों की पहचान कर उम्मीदवारों के नाम की सिफारिश केंद्रीय पार्टी के पास भेजें। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा-हमारे पास समय कम है। पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ऐसे में हम समझौते के लिए और अधिक इंतजार नहीं कर सकते हैं।