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कोरोना वैक्सीन के लिए बनने लगी स्वास्थ्यकíमयों की सूची

पटना। कोरोना वैक्सीन विकसित होने के अंतिम चरण में पहुंचने की सूचना के साथ ही स्वास्थ्य विभाग

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 08:05 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 08:05 PM (IST)
कोरोना वैक्सीन के लिए बनने लगी स्वास्थ्यकíमयों की सूची
कोरोना वैक्सीन के लिए बनने लगी स्वास्थ्यकíमयों की सूची

पटना। कोरोना वैक्सीन विकसित होने के अंतिम चरण में पहुंचने की सूचना के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने टीकाकरण की तैयारिया शुरू कर दी हैं। सबसे पहले टीका कोरोना उपचार में लगे सरकारी व निजी स्वास्थ्यकíमयों को दी जाएगी। इसके बाद अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को इसकी खुराक दी जाएगी।

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स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने इसके लिए सभी सिविल सर्जन को सरकारी व निजी अस्पतालों-जांच केंद्रों के स्वास्थ्य कíमयों का डाटाबेस तैयार करने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य कíमयों की अद्यतन जानकारी कोविड वैक्सीनेशन बेनिफिशियरी मैनेजमेंट सिस्टम (सीवीबीएमएस) पर अपडेट की जानी है। टीका आने पर इसी सूची के अनुसार डोज दिया जाएगा।

स्वास्थ्य विभाग के पत्र के अनुसार केंद्र सरकार ने जल्द ही कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने की बात कही है। केंद्र सरकार के निर्देशानुसार सभी सरकारी व निजी अस्पतालों के कर्मचारियों के अलावा स्वास्थ्य सेवाओ से संबंधित अन्य कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर पहले डोज दी जाएगी। इसके लिए सभी कर्मचारियों का डाटा बेस तैयार कर उसे सिस्टम में अपलोड करना है। सिविल सर्जन के निर्देशन में जिले के सभी सरकारी और छोटे-बड़े निजी अस्पताल के कार्यरत स्वास्थ्य एवं संबंधित कíमयों का डाटाबेस तैयार किया जाए। 29 अक्टूबर को प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत खुद डाटाबेस तैयार करने के कार्य की समीक्षा करेंगे। डाटाबेस के लिए एक मानक प्रारूप बनाया गया है, उसी के अनुसार सभी स्वास्थ्यकर्मियों की जानकारी देनी हैं।

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निजी अस्पतालों-जाच केंद्रों के कíमयों की सूची बनाना मुश्किल :

राजधानी में पाच हजार से अधिक छोटे-बड़े नìसग होम और चार हजार से अधिक जाच केंद्र हैं। इनमें से करीब 180 निजी अस्पताल व जाच केंद्र ही क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के तहत पंजीकृत हैं। गली-कूचे में चल रहे छोटे-छोटे अस्पतालों व दड़बेनुमा जाच केंद्रों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। जबकि, यहा न केवल मरीजों की अच्छी खासी भीड़ होती है बल्कि हजारों स्वास्थ्यकर्मी काम भी करते हैं। ऐसे में प्रचार-प्रसार के माध्यम से ऐसे संस्थानों के संचालकों को ही अपने डॉक्टरों व कर्मचारियों की जानकारी सिविल सर्जन कार्यालय को मुहैया करानी होगी।


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