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गोपालगंज में मृतप्राय छाड़ी नदी को मनरेगा से मिला पुनर्जीवन, अब कल-कल बह रहा शहर की शान का जल

छाड़ी नदी को पुनर्जीवन मिला है। जिला प्रशासन और ग्रामीणों के सहयोग से नाले में तब्दील हुई नदी की सफाई हुई तो फिर से जल कल-कल करते बहना शुरू हो गया है। गंडक से निकली मृतप्राय हो चली छाड़ी नदी को ऑक्सीजन देने का काम मनरेगा ने किया है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 08:55 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 08:55 PM (IST)
गोपालगंज में मृतप्राय छाड़ी नदी को मनरेगा से मिला पुनर्जीवन, अब कल-कल बह रहा शहर की शान का जल
गंडक से निकली मृतप्राय हो चली छाड़ी नदी को ऑक्सीजन मिल गया है। अब कल-कल बह रहा है जल।

मनोज उपाध्याय, गोपालगंज। कभी गोपालगंज शहर की शान रही छाड़ी नदी को पुनर्जीवन मिला है। जिला प्रशासन और ग्रामीणों के सहयोग से नाले में तब्दील हुई नदी की सफाई हुई तो फिर से जल कल-कल करते बहना शुरू हो गया है। गंडक से निकली मृतप्राय हो चली छाड़ी नदी को ऑक्सीजन देने का काम मनरेगा ने किया है।

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सौ गांवों की तारणहार

बीस साल पहले तक गोपालगंज जिले में यह गांव-शहर होते हुए 58 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद सिवान निकलती है। नदी से मांझा, बरौली व सदर प्रखंड के सौ गांवों के हजारों एकड़ खेतों की प्यास बुझती थी। लेकिन, समय के साथ नदी की हालत बिगड़ती चली गई। शहर का गंदा पानी नदी में आने लगा। डेढ़ दशक पूर्व यहां जिलाधिकारी रहे एसएम राजू ने भी इस नदी की सफाई कराकर उसमें नौका विहार की योजना बनाई थी। उनके स्थानान्तरण के बाद यह फाइलों में ही रह गई। शहरी क्षेत्र से लेकर मांझा, बरौली प्रखंड से होते हुए सिवान तक जाने वाली नदी के दोनों किनारों की जमीन पर धीरे-धीरे अतिक्रमण कर लिए जाने से यह नाला में तब्दील हो गई।

कोरोना और बाढ़ से ठप हो गया था काम

आठ महीने पहले जिलाधिकारी अरशद अजीज ने पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देते हुए छाड़ी नदी की सफाई कराकर इसकी दशा सुधारने की पहल शुरू की। डीएम की पहल पर ग्रामीणों के सहयोग से इस नदी की सफाई का काम मनरेगा की धनराशि से शुरू किया गया। मांझा प्रखंड में इस नदी की सफाई का काम पूरा हो चुका है। यहां सफाई के बाद नदी में निर्मल जल बह रहा है। हालांकि, तीन माह से कोरोना तथा सारण तटबंध टूटने से आई बाढ़ के कारण आगे का काम बंद करना पड़ा था। अब बाढ़ का पानी उतरने के बाद बरौली प्रखंड में नदी की सफाई की दिशा में प्रशासन की कवायद शुरू हो गई है। 

सफाई के बाद नदी किनारे बनेंगे पार्क

मनरेगा से छाड़ी नदी की सफाई का काम अगले साल पूरा होने के बाद इसके किनारे पार्क विकसित किए जाएंगे। जिला प्रशासन ने इसकी कार्ययोजना तैयार की है। नदी जिन-जिन गांवों से गुजरती है, वहां पार्क बनाया जाएगा। इसमें पेड़-पौधे लगाने के साथ बैठने की व्यवस्था भी होगी। पार्क के देखभाल की जिम्मेदारी संबंधित गांव के ग्रामीणों की होगी। 

छाड़ी नदी की सफाई कराई जा रही

सदर एसडीओ उपेंद्र पाल ने बताया कि जिलाधिकारी की पहल पर मनरेगा से छाड़ी नदी की सफाई कराई जा रही है। कोरोना तथा बाढ़ आने के कारण काम बंद हो गया था। अब नदी की सफाई का काम फिर शुरू हो गया है। 


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