कन्हैया कुमार पर लगातार हो रहे हमले को ले चुप नहीं बैठेंगे वामदल, हमलावरों पर दर्ज होगी प्राथमिकी
कन्हैया कुमार पर लगातार हो रहे हमले को लेकर वामदल अब गंभीर हो गये हैं। वहीं सरकार ने भी कन्हैया पर हमला करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है।
पटना, राज्य ब्यूरो। जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष व भाकपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य कन्हैया कुमार पर लगातार हो रहे हमले को लेकर वामदल अब गंभीर हो गये हैं। वे अब हमलावरों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। वहीं सरकार ने भी कन्हैया पर हमला करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। उधर, वामदलों ने कन्हैया पर लगातार हो रहे हमले के लिए भाजपा और आरएसएसके लोगों को जिम्मेवार ठहराया है। बता दें कि कन्हैया कुमार पर जन गण मन यात्रा के दौरान अब तक दर्जन भर हमले हो गए हैं। कहीं पथराव तो कहीं जूते-चप्पल फेंके गए और कहीं लोगों ने काले झंडे दिखाए।
दरअसल, सरकार ने कन्हैया कुमार पर हमला करने वालों पर जांच कर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। यह जानकारी पार्टी के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह ने मंगलवार को दी। चार दिन पहले भाकपा के महासचिव डी. राजा ने बिहार में कई जगहों पर कन्हैया कुमार पर हुए जानलेवा हमले पर गंभीर चिंता प्रकट करते हुए उन्हें पूर्ण सुरक्षा देने की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की थी और उन्हें भी पत्र लिखा था।
भाकपा नेता सत्यनारायण सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति आभार प्रकट हुए बताया कि सीएम के आदेश पर छपरा, सुपौल, मधेपुरा, आरा एवं इमामगंज (गया) में कन्हैया कुमार पर हुए हमले के मामले में पुलिस कार्रवाई करने जा रही है। सीसीटीवी के फुटेज देखकर पुलिस जांच करेगी और दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में कन्हैया कुमार की जनसभाओं में उमड़ रही भीड़ से भाजपा व आरएसएस के लोग बौखला गए हैं और वही लोग उन पर हमले करा रहे हैं। सोमवार को भी लखीसराय में जनसभा के दौरान एक युवक ने कन्हैया कुमार के मंच की ओर चप्पल फेंका जिसे पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
गौरतलब है कि भाकपा के युवा नेता कन्हैया कुमार राष्ट्रपिता गांधीजी की पुण्यतिथि पर बिहार में जन मन गण यात्रा पर निकले हुए हैं। वे अब तक एक दर्जन से अधिक जिलों में सभाएं कर चुके हैं। कमोबेश इतनी ही संख्या में उन पर हमले भी हो चुके हैं। सबसे बड़ा हमला आरा-बक्सर रोड पर हुआ था। इसमें कन्हैया को जान बचाकर भागना पड़ा था। काफिले के वाहनों से कई लोग कुचला गए थे।