हाथापाई के बाद डाकबंगला से हटा जाम, हड़ताल से करोड़ों का कारोबार प्रभावित
वामपंथी दलों और कांग्रेस से जुड़े केंद्रीय ट्रेड यूनियन की दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन पटना में व्यापक असर दिखा। शहर के सभी प्रमुख स्थानों पर जाम की स्थिति बनी रही।
पटना, जेएनएन। वामपंथी दलों और कांग्रेस से जुड़े केंद्रीय ट्रेड यूनियन की दो दिवसीय हड़ताल का असर बिहार की राजधानी पटना पर दिख रहा है। बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे कर्मचारी और नेताओं ने राजधानी कई स्थानों पर जाम की स्थिति बना दी है। शहर के प्रमुख सभी स्थानों पर केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए जा रहे हैं। विरोध करने वालों में विभिन्न संगठनों के लोग शामिल हैं।
इधर आशा और आंगनबाड़ी सेविकाओं ने डाकबंगला चौराहे पर बैठ काफी देर तक यातायात प्रभावित रखा। गाना गाकर सरकार का विरोध जताया। इस दौरान पुलिस कमियों से उनकी झड़प भी हुई। जिसके बाद कार्यकर्ता गांधी मैदान की ओर निकल गए। जहां बड़ी संख्या में एकत्र होकर अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाए।
यातायात हो रहा प्रभावित
ट्रेड यूनियनों के अलावा इंटक, आशा कार्यकर्ता, रसोइया संघ के लोग अपनी मांगों को लेकर केंद्रीय कार्यालयों व बैंकों को बंद कराया। यातायात को भी रोका गया। आंदोलनकारियों ने पटना के डाकबंगला चौराहे को जाम किया है। वहीं पटना के फुलवारीशरीफ में भी बंद का व्यापक असर पड़ा है। कामगारों ने खोजा इमली के नजदीक अनीसाबाद फुलवारी एनएच 98 को जाम किया।
इलाहाबाद बैंक की सभी शाखाओं पर ताले
शहर में इलाबाबाद बैंक की सभी शाखाएं बंद हैं। इंटर भी बड़े पैपाने पर एकत्र होकर शहर की सड़कों पर विरोध जता रहा है। यूनाइटेड फोरम आफ आर आर बी यूनियन के आह्वान पर सेन्ट्रल ट्रेड यूनियन्स के बारह सूत्री मांगों के समर्थन में देश के तमाम 53 ग्रामीण बैंकों की 22000 शाखाओं तथा प्रशासनिक कार्यालयों के 90000 अधिकारी व कर्मचारी आज हड़ताल पर हैं। बिहार के दोनों ग्रामीण बैंकों उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार की 2110 शाखाओं में हड़ताल के कारण ताले लटक रहे हैं। इससे 30 हजार करोड़ का कारोवार प्रभावित होने का अनुमान है।