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मुजफ्फरपुर-दरभंगा में हड़ताल को लेकर कर्मी कर रहे प्रदर्शन, बैंक भी बाधित

वामपंथी दलों और कांग्रेस से जुड़े केंद्रीय ट्रेड यूनियन की दो दिवसीय हड़ताल शुरू हो गई है। इसका असर बिहार के पटना समेत कई जिलों में देखने को मिल रही है।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 10:34 AM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 01:43 PM (IST)
मुजफ्फरपुर-दरभंगा में हड़ताल को लेकर कर्मी कर रहे प्रदर्शन, बैंक भी बाधित
मुजफ्फरपुर-दरभंगा में हड़ताल को लेकर कर्मी कर रहे प्रदर्शन, बैंक भी बाधित

पटना [जेएनएन] : वामपंथी दलों और कांग्रेस से जुड़े केंद्रीय ट्रेड यूनियन की दो दिवसीय हड़ताल शुरू हो गई है। इसका असर बिहार के पटना समेत कई जिलों में देखने को मिल रही है। पटना में आंदोलनकारी सड़क पर उतर आए हैं। केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। नेताओं को कहना है कि उनकी मांगें पूरी की जाए। ट्रेड यूनियनों के अलावा इंटक, आशा कार्यकर्ता, रसोइया संघ के लोग अपनी मांगों को लेकर केंद्रीय कार्यालयों व बैंकों को बंद करा रहे हैं। यातायात को भी रोका गया है।

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पटना में प्रदर्शन

आंदोलनकारियों ने पटना के डाकबंगला चौराहे को जाम किया है। वहीं पटना के फुलवारीशरीफ में भी बंद का व्‍यापक असर पड़ा है। कामगारों ने खोजा इमली के नजदीक अनीसाबाद फुलवारी एनएच 98  को जाम किया है।  

सूबे में बैंकों में लटके रहे ताले

वहीं यूनाइटेड फोरम आॅफ आरआरबी यूनियन के आह्वान पर सेंट्रल ट्रेड यूनियन्स की 12 सूत्री मांगों के समर्थन में देश के तमाम 53 ग्रामीण बैंकों की 22000 शाखाओं तथा प्रशासनिक कार्यालयों के 90000 अधिकारी व कर्मचारी मंगलवार को हड़ताल पर हैं। इस संबंध में संयोजक डीएन त्रिवेदी ने बताया कि हड़ताल की वजह से बैंकों में कोई कामकाज नहीं हुआ है। बिहार के दोनों ग्रामीण बैंकों उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार की 2110 शाखाओं में हड़ताल के कारण ताले लटके रहे। इससे 30 हजार करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ। ग्रामीण बैंक कर्मियों द्वारा 01 नवंबर 1993 से पेंशन भुगतान, 01 अप्रैल 2010 के बाद बैंक में नियुक्त कर्मियों को भी एनपीएस के बदले पुराने पेंशन का लाभ तथा प्रायोजक व्यावसायिक बैंकों के समान सेवा शर्त की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। 

मुजफ्फरपुर-दरभंगा में भी प्रदर्शन 

मुजफ्फरपुर से आ रही खबर के अनुसार उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों में हड़ताल के कारण कार्य पूरी तरह ठप हो गया है। हड़ताली कर्मी बैंकों के गेट के सामने धरना पर बैठ गए और उन्होंने जमकर नारेबाजी की। वहीं मोतिहारी में हड़ताली बैंक कर्मियों ने एनएच को जाम कर दिया। इससे लोगों की परेशानियां काफी बढ़ गईं। बीमा क्षेत्रों में भी हड़ताल की यही स्थिति है। ट्रेड यूनियनों ने सरकार पर मजदूर विरोधी होने का आरोप लगाया है। बिहार प्रोविंशियल बैंक इम्पलाइज एसोसिएशन के जिला महासचिव चंदन कुमार ने कहा कि सरकार लगातार मजदूर व कर्मचारी विरोधी काम कर रही है, जिसके विरोध में हड़ताल की जा रही है। इसी तरह दरभंगा में हड़ताल पर गये कर्मियों ने प्रदर्शन किया है। जिले में सेंट्रल बैंक आॅफ इंडिया, बैंक आॅफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, यूनियन बैंक सहित अन्य बैंक हड़ताल से प्रभावित रहे।

बांका में भी प्रदर्शन 

उधर बांका से मिल रही जानकारी के अनुसार आशा कार्यकर्ता सड़क पर उतर आई हैं। वे अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी कर रही हैं। यातायात को भी बाधित किया गया है। उधर आरा में ट्रेड यूनियन के लोगों ने कार्यालय को बंद रखा है। मांगों के समर्थन में आंदोलनकारी नारेबाजी कर रहे हैं। 

दो दिवसीय हड़ताल के दौरान ऑटो रिक्शा और बस सेवा प्रभावित रहने की खबर आ रही है। वहीं केंद्रीय कार्यालयों पर इसका प्रभाव पड़ा है। ठेका-संविदा, मानदेय और आउटसोर्सिग पर बहाल कर्मचारी, आंगनबाड़ी, आशा सहित अन्य कार्यकर्ता भी हड़ताल में भाग ले रहे हैं। एसबीआइ को छोड़कर ज्यादातर बैंक नहीं खुले हैं।वहीं ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन से जुड़े अधिकारी हड़ताल में शामिल नहीं हुए हैं। 

उधर अपनी मांगों को रखते हुए बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के महासचिव शशिकांत राय और अध्यक्ष विश्वनाथ सिंह ने कहा कि न्यू पेंशन सिस्टम को समाप्त कर पुराने सिस्टम से पेंशन दी जाए। ठेका-संविदा, मानदेय, आउटसोर्सिग की व्यवस्था समाप्त हो। सबकी सेवा नियमित हो तथा समान वेतनमान और न्यूनतम 18 हजार रुपये भुगतान की व्यवस्था की जाए।


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