साझा अभियान को झटका: कुशवाहा ने फिर पकड़ी अलग राह, महागठबंधन न वाम दलों का लिया सहयोग
महागठबंधन में शामिल दलों एवं वाम पार्टियों को साथ लेकर केंद्र के खिलाफ साझा अभियान की वकालत कर रहे रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा अब अकेले ही मुहिम चलाएंगे।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार महागठबंधन (Bihar Mahagathbandhan) में शामिल दलों एवं वाम पार्टियों को साथ लेकर केंद्र के खिलाफ साझा अभियान की वकालत कर रहे रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) अब अकेले ही मुहिम चलाएंगे। वह गुरुवार को मोतिहारी से अपनी 'समझो-समझाओ, देश बचाओ' यात्रा (Samjho Samjhao Desh Bachao Yatra) आरंभ करेंगे। यात्रा के दौरान वह लोगों को नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) और नेशनल रजिस्टर आफ सिटिजेंस (National Register of Citizens) के खिलाफ जागरूक करेंगे।
कुशवाहा ने पिछले दिनों इन मुद्दों पर साझा आंदोलन की पुरजोर वकालत करते हुए राजद (RJD) एवं वाम पार्टियों के नेताओं से बातचीत की थी, मगर वह इस मोर्चे पर कामयाब नहीं हो पाए। राजद और वाम पार्टियों ने अलग-अलग दिन सीएए एवं एनआरसी के खिलाफ बिहार बंद कराया। सूत्रों ने बताया कि साझा आंदोलन को लेकर सहमति बनती नहीं देख कुशवाहा ने अपनी यात्रा का कार्यक्रम तय किया है।
हालांकि, वह शिक्षा को लेकर अपने दूसरे चरण का आंदोलन आरंभ करने वाले थे। प्रथम चरण में उन्होंने केंद्रीय विद्यालय को जमीन देने एवं प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर 26 नवंबर से आमरण अनशन आरंभ किया था, जिसे पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव सहित महागठबंधन के नेताओं के आग्रह पर 30 नवंबर को समाप्त किया था। सीएए एवं एनआरसी के खिलाफ उपेंद्र कुशवाहा की गुरुवार से आरंभ हो रही यात्रा का प्रथम चरण आठ जनवरी को संपन्न होगा। इस यात्रा में वह वाम दलों का भी सहयोग नहीं लेंगे।
गौरतलब है कि 'समझो समझाओ देश बचाओ यात्रा' महात्मा गांधी की कर्मभूमि मोतिहारी से शुरू होगी तथा बेतिया में समाप्त होगी। इसके बाद 28 दिसंबर (शनिवार) को सहरसा से पूर्णिया तक यह यात्रा जाएगी। फिर 30 दिसंबर (सोमवार) को उपेंद्र कुशवाहा की यह यात्रा नवादा से शुरू होगी और गया में संपन्न होगी। इसके बाद यह यात्रा नये साल में होगी। कुशवाहा फिर नये साल में चार जनवरी (शनिवार) को अरवल से औरंगाबाद, छह जनवरी (सोमवार) को सासाराम से आरा तथा आठ जनवरी (बुधवार) को सीतामढ़ी से मधुबनी तक यात्रा करेंगे। मधुबनी में ही पहले चरण की यात्रा का समापन होगा।