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पटना के सब्जपुरा में बड़ी आबादी का बसेरा मगर अब तक नहीं पहुंची विकास की किरण

फुलवारीशरीफ का सब्जपुरा गांव से शहर जरूर बना गया पर अभी भी इलाके की तकदीर नहीं बदली। जिम्मेदारों की शिथिलता के कारण यहां की स्थिति बदतर है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 03 May 2019 09:58 AM (IST)Updated: Fri, 03 May 2019 09:58 AM (IST)
पटना के सब्जपुरा में बड़ी आबादी का बसेरा मगर अब तक नहीं पहुंची विकास की किरण
पटना के सब्जपुरा में बड़ी आबादी का बसेरा मगर अब तक नहीं पहुंची विकास की किरण

सैयद नकी इमाम, पटना। सब्जपुरा फुलवारीशरीफ के बीचों बीच बसा इलाका है। यह इलाका पटना नगर निगम के वार्ड तीन के अंतर्गत है। इसका पोस्ट खगौल, थाना और प्रखंड कार्यालय दानापुर है, जबकि विधानसभा के अधीन आता है। मुख्य सड़क फुलवारीशरीफ नगर परिषद में आती है। गांव से शहर बन जाने के बाद भी इलाके की तकदीर नहीं बदली और स्थिति बदतर है। हर वोट कुछ कहता है कार्यक्रम के तहत दैनिक जागरण की टीम गुरुवार को वार्ड में पहुंचकर चुनाव की चर्चा शुरू कि तो बहुत से बातें सामने आईं।

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इससे सटे इलाके खलीलपुरा में बड़ी आबादी रहती है मगर विकास कोसो दूर है। नगर निगम का वार्ड होने के बाद भी गांव में विकास की किरण नहीं पहुंची है। वार्ड में विकास की लंबी सूची लंबित है। जनप्रतिनिधियों को भी समझ नहीं आता है कि काम कहां से शुरू किया जाए। यहां की वार्ड पार्षद सब्जपुरा गांव में ही रहती हैं। लोगों का कहना है कि गांव अगर पूरी तरह से फुलवारीशरीफ में होता तो शायद इसकी सूरत कुछ और होती है।




विधानसभा क्षेत्र होने के कारण हो रहा नुकसान?

पंचायत चुनाव में जब क्षेत्र के परिसीमन के दौरान अधिकारियों की नजर से सब्जपुरा और खलिलपुरा पर नहीं पड़ी। नक्शा की जांच करने के बाद अधिकारियों ने आननफानन में दोनों को नगर परिषद में डाल दिया। विधानसभा क्षेत्र होने के कारण नगर परिषद के अधिकारियों की नजर कभी गांवों पर नहीं जाती है। जनप्रतिनिधि कभी झाकने तक नहीं आते हैं। कच्ची गली और कच्ची सड़क वार्ड की पहचान है।

लोकसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दों पर भी है नजर

सुशील कुमार वर्मा ने कहा कि लोकसभा चुनाव है मगर स्थानीय मुद्दे भी ध्यान में रखे जा रहे हैं। बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है। जब तक देश से बेरोजगारी दूर नहीं होती तब तक देश का विकास नहीं होगा। चाहे कोई सरकार आए उससे बेरोजगारी दूरी करने का उपाय करना होगा। नेता किसी को रूपया नहीं दे सकते मगर रोजगार दे सकते हैं। इसलिए जनता के सेवक को रोजगार के अवसर पैदा करने चाहिए।




देश की सुरक्षा है अहम मुद्दा

कृष्णा प्रसाद की नजर में देश की सुरक्षा अहम मुद्दा है। देश पर कोई आंच ना आये कोई घुसपैठ ना हो, आतंकवादी वारदात ना हो, सबका विकास हो। विकास यानी हर घर में बिजली, पेयजल और शौचालय हो। सब शिक्षित है और कोई भी बेरोजगार नहीं हो। विकास में किसी भी प्रकार की भेदभाव नहीं की जाए। आंतरिक सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए।

खुद का हित छोड़ जनता पर दिया जाए ध्यान

शहनवाज आलम जनप्रतिनिधियों के रवैये खासे खफा हैं। उनका कहना है कि जन प्रतिनिधियों को अपने हित को छोड़ जनता और देश हित में ईमानदारी से कार्य करना चाहिए। मगर, आज के नेता ऐसा नहीं करते हैं। चुनाव में जीत हासिल करने के लिए जाति और धर्म के नाम पर लोगों के बीच असंतोष पैदा कर रहे हैं। इससे विकास प्रभावित होता है और समाज में गलत संदेश पैदा होता है। देश हित में जब तक नेता कार्य नहीं करेंगे तब तक देश का विकास संभव नहीं है। युवाओं को इसके लिए पहल करनी चाहिए ताकि देश आगे बढ़ सके।

जो सम्मान दिलाए वो हो प्रधानमंत्री

प्रमोद कुमार को देश का सम्मान बढ़ाने वाला प्रधानमंत्री चाहिए। जो, देश पर आंख उठाने वाले को सबक सिखा सकें और देश पर कोई खतरा उत्पन्न नहीं हो। देश की आर्थिक स्थिति मजबूत हो। हर नागरिक सुरक्षित रहे भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार करने वालों को सजा मिले। देश से भ्रष्टाचार खत्म हो। पूरे देश का विकास हो देश प्रगति के पथ पर चले और दूसरे देश के लोग हमारे देश का मिसाल दें। देश में दंगा फसाद की खबर आतंकवादी वारदात की खबर से मन दुखी हो जाता है। इसलिए हम देश की सुरक्षा और विकास के मुद्दे पर मत करेंगे।

दमदार सरकार की दरकार

दिनेश कुमार देश में दमदार सरकार चाहते हैं जिसका उद्देश्य देश का केवल विकास हो। इसकी गति धीमी नहीं और देश का मान ना गिरने दे। देश में जाति- धर्म और भाषा के आधार पर लोगों को ना बांटा जाये। सब धर्म का सम्मान हो। लोग अपनी आजादी के साथ रह सकें। देश की सत्तर फीसद से अधिक आबादी गांवों में निवास करती है, कृषि कृषि मेरूदंड है। गांव का विकास का होना चाहिए। किसान को खुशहाल बनाने की ठोस नीति बननी चाहिए। नेता जनता के काम और विकास को ईमानदारी से करें। न्यू सब्जपुरा के निवासी शांति भूषण जनप्रतिनिधियों के व्यवहार से काफी नाराज हैं। जब नेता अपने क्षेत्र के विकास नहीं करते हैं, तो सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है वे देश के विकास के प्रति कितने गंभीर होंगे। लोगों को ऐसे नेता को चुनना चाहिए तो विकास को लेकर प्रतिबद्ध हो।


पक्की सड़क, नाला और पेयजल की व्यवस्था नदारद

सब्जपुरा, खलिलपुरा और एफसीआइ की बड़ी आबादी गांवों से बदतर स्थिति जीवन बसर करने को विवश है। यहां पर विकास कार्य नहीं के बराबर हुआ है। कई बार चुनाव के समय लोगों ने जनप्रतिनिधियों का बहिष्कार किया। विधायक व सांसद के लापता होने का बोर्ड लगा विरोध जताया। वार्ड 3 में हर घर जल योजना पहुंची नहीं है। एक भी घर में शौचालय का निर्माण नहीं हुआ। खलिलपुरा निवासी अशरफ उर्फ नेता जी कहते हैं कि बड़ी आबादी को पेयजल की समस्या से सामना कर पड़ रहा है। बिजली की समस्या से लोग त्रस्त हैं। हम लोगों की फरियाद हमेशा बेकार गई।

फंड की कमी बनी हो बड़ा मुद्दा

पार्षद प्रभा देवी कहती हैं, यहां की बड़ी आबादी सब्जपुरा और खलिलपुरा में रहती है। लेकिन, अभी तक विकास नहीं हुआ। लोग समस्याओं की शिकायत करते हैं। अपने स्तर से समस्याओं का समाधान करने की पूरी कोशिश करतीं हैं। फंड की कमी के कारण बहुत कुछ करने में असमर्थ हैं। इसके बावजूद अपने विधान पार्षद के निधि से कई कार्य कराए। गांव की हर गली को पक्कीकरण कराने हर घर जल और शौचालय का निर्माण कराने का प्रयास कर रहीं हैं।


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