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बिहार में इलेक्ट्रानिक टोटल मशीन से होगी जमीन की मापी, विभाग ने तय किया नए साल का एजेंडा

जमीन की मापी के लिए इटीएस (इलेक्ट्रानिक टोटल मशीन) की खरीद की समीक्षा की गई। 711 मशीनों की खरीद होनी है। जिलों को रुपये दिए जा चुके हैं। उन्होंने मशीन की खरीद की अद्यतन स्थिति के बारे में जिलों से रिपोर्ट मंगाने का आदेश दिया।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Tue, 04 Jan 2022 06:45 PM (IST)Updated: Tue, 04 Jan 2022 06:45 PM (IST)
बिहार में इलेक्ट्रानिक टोटल मशीन से होगी जमीन की मापी, विभाग ने तय किया नए साल का एजेंडा
नए साल में राजस्व एवं भूमि सुधार की सभी लंबित योजनाएं पूरी होंगी। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने नए साल के लिए एजेंडा तय किया है। 2021 की सभी लंबित योजनाएं जमीन पर उतरेंगी। विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने मंगलवार को आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों को यही एजेंडा सौंपा। भू अभिलेख और परिमाप निदेशक जय सिंह बताया कि 175 अंचलों में आधुनिक अभिलेखागार बनकर तैयार है। मार्च तक करीब ढाई सौ अभिलेखागार काम करने लगेंगे। उन्होंने बताया कि मार्च तक विशेष सर्वेक्षण के 20 जिलों के 5127 गावों में ग्राम सीमा सत्यापन, त्रि सीमाना निर्धारण, किस्तवार और खानापुरी का काम पूरा हो जाएगा।

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जमीन की मापी के लिए इटीएस (इलेक्ट्रानिक टोटल मशीन) की खरीद की समीक्षा की गई। 711 मशीनों की खरीद होनी है। जिलों को रुपये दिए जा चुके हैं। उन्होंने मशीन की खरीद की अद्यतन स्थिति के बारे में जिलों से रिपोर्ट मंगाने का आदेश दिया। इस संबंध में निदेशक, भू अभिलेख प्रमंडलीय आयुक्तों एवं जिलाधिकारियों को पत्र लिखेंगे।   

समीक्षा बैठक में बताया गया कि भू अर्जन के बारे में जिला भू अर्जन पदाधिकारी पोर्टल पर डाटा अपलोड कर रहे हैं। अपर मुख्य सचिव ने उन भू अर्जन पदाधिकारियों की सूची मांगी, जो नियमित तौर पर जरूरी जानकारी नहीं दे रहे हैं। तय हुआ कि अगले सोमवार को अपर मुख्य सचिव बेहतर काम न करने वाले अपर समहर्ताओं, भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं एवं अंचल अधिकारियों की जूम मीटिंग करेंगे। समीक्षा बैठक में भू अर्जन के निदेशक सुशील कुमार, चकबंदी के संयुक्त निदेशक नवल किशोर, संयुक्त सचिव कंचन कपूर और चंद्रशेखर प्रसाद विद्यार्थी समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे। 

ये सब हैं प्राथमिकता के विषय


स्पेशियल म्युटेशन के जरिए दाखिल-खारिज, भूमि सर्वेक्षण का अंतिम रूप से प्रकाशन, राजस्व नक्शों की डोर स्टेप डिलीवरी, अंचल अभिलेख भवनों को कार्यकारी बनाना, आधुनिक अभिलेखागारों में डाक्यूमेंट मैनेजमेंट सिस्टम और रिकार्ड मैनेजमेंट सिस्टम के तहत दस्तावेजों को रखना और लोगों से मामूली शुल्क लेकर राजस्व दस्तावेज उपलब्ध कराना।  


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