बिहार के शहरों में ड्रेनेज लाइन पर भू-माफियाओं की कुदृष्टि, पटना के नौ बड़े नाले चढ़े अतिक्रमण की भेंट
जलजमाव के कारण प्रदेश के सभी छोटे-बड़े शहरों की स्थिति खराब हो गई है। शहरों में ड्रेनेज लाइन पर भू-माफियाओं की कुदृष्टि है।
पटना, जेएनएन। बिहार के विभिन्न शहरों में ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने में जुटी सरकार की राह में भू-माफिया और अतिक्रमणकारी सबसे बड़ी बाधा बने हुए हैं। यही कारण है कि सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद मुकम्मल व्यवस्था अभी तक तैयार नहीं हो पाई है। राजधानी पटना समेत प्रमुख शहरों में वर्षा जल निकासी के लिए बनाई गई नहरें और नाले अतिक्रमण की भेंट चढ़ गए। जलजमाव की समस्या वाले इलाकों के लिए कार्ययोजना जरूर तैयार हुई, लेकिन वह फाइलों में फंसी हुई है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में जल निकासी की समस्या का स्थायी समाधान हो सकेगा और लोगों को जलजमाव से राहत मिलेगी।
मामूली बारिश से खड़ी हो जाती है समस्या
अभी मामूली बारिश में भी बिहार के शहरों में जलजमाव की भीषण समस्या खड़ी हो जाती है। यही वजह है कि पिछले वर्ष बारिश के दौरान राजधानी पटना ने पखवाड़े भर जलजमाव झेला था। राजेंद्रनगर सहित कई मोहल्लों में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। विशेषज्ञों का मानना है कि राजधानी के सभी नौ नालों पर अतिक्रमण है। मुजफ्फरपुर और दरभंगा आदि प्रमंडल मुख्यालय वाले शहरों का हाल भी लगभग ऐसा ही है।
कई ड्रेनेज सिस्टम 70 साल पुराने
कई इलाकों के ड्रेनेज सिस्टम 70 साल पुराने हैं, जो वर्तमान आबादी और आवश्यकता के अनुरूप नहीं रहे या उनकी क्षमता कम पड़ रही है। नई कॉलोनियों में बेतरतीब तरीके से मकान बनाए जा रहे हैं। न सड़क और न ड्रेनेज सिस्टम का ख्याल रखा जाता है। यही कारण है कि जलजमाव की स्थिति बन जाती है। जो ड्रेनेज बचा है, उसका भी नक्शा नहीं है।
उच्च क्षमता का पंप होगा लगाना
विशेषज्ञों का मानना है कि राजधानी पटना में जलजमाव से निजात पाने के लिए दानापुर से दीदारगंज के बीच हर एक किमी पर उच्च क्षमता का पंप लगाना होगा। इससे बारिश के पानी को सीधे गंगा में पंप किया जाएगा। इन पंपों तक बारिश के पानी को पहुंचने के लिए सिस्टम दुरुस्त करना होगा। कारण, गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर रहने की स्थिति में बारिश के पानी को सामान्य ड्रेनेज सिस्टम से नदी में नहीं डाला जा सकता।
क्या है जरूरी
- राजधानी क्षेत्र के ड्रैनेज सिस्टम को साफ किया जाए।
- स्टॉर्म ड्रैनेज व सीवरेज को अलग-अलग किया जाए।
- घरों से निकलने वाले पानी के लिए अलग लाइन कर आधी समस्या का समाधान कर सकते हैं।
- ओपन ड्रेन या कवर ड्रेन को साफ करने के लिए परंपरागत प्रणाली पर ही काम हो।
- नालों की सफाई गर्मी के दिनों में ही कराई जाए और सिल्ट को भी तत्काल हटा दिया जाए।
- मैनहोल से दूसरे मैनहोल और एक कैचपिट से दूसरे कैचपिट तक परंपरागत तरीके से सफाई व्यवस्था को पूरी कराएं।
जलजमाव के कारण :
- नगर निगम की लापरवाही
- पानी के निकासी की व्यवस्था नहीं
- नालों की सफाई नहीं होने से जमा हुआ पानी
- निचले इलाकों के नालों की मरम्मत
ये हैं कुछ उपाय
- सरकार को अग्रिम कार्ययोजना (एडवांस प्लानिंग) बनानी होगी
- नालों की सफाई पर गंभीर होना होगा। ड्रेनेज को दुरुस्त करना होगा।
- पानी के निकास की व्यापक व्यवस्था करनी होगी