Move to Jagran APP

पटना रिंग रोड के लिए और अधिक जमीन चाहिए, एलायनमेंट में बदलाव की तैयारी में जुटा एनएचएआइ

Land Acquisition for Road in Patna पटना रिंग रोड के एलायनमेंट में परिवर्तन को ले एनएचएआई के स्तर पर स्थल निरीक्षण खर्च को कम करने के तहत नयी योजना पर विमर्श और अधिक जमीन की पड़ेगी जरूरत पर घट जाएगा खर्च

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sun, 12 Sep 2021 08:41 AM (IST)Updated: Sun, 12 Sep 2021 08:41 AM (IST)
पटना रिंग रोड के लिए और अधिक जमीन चाहिए, एलायनमेंट में बदलाव की तैयारी में जुटा एनएचएआइ
पटना रिंग रोड के लिए नए एलाइनमेंट पर हो रहा विचार। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। Patna Ring Road Project: पटना रिंग रोड को उत्तर बिहार की संपर्कता दिए जाने को ले पहले से तय एलायनमेंट में बदलाव संभव है। एनएचएआइ द्वारा इस संबंध में स्थल निरीक्षण किया गया है। आधिकारिक तौर पर आरंभिक चर्चा भी हुई है। पटना रिंग रोड को उत्तर बिहार की कनेक्टिवटी दिए जाने को पूर्व में यह प्रस्ताव था कि कच्ची दरगाह-बिदपुर छह लेन पुल कच्ची दरगाह में जिस जगह खत्म हो रहा वहीं उसे रिंग रोड से जोड़ दिया जाए। कच्ची दरगाह-बिदुपुर का आखिरी हिस्सा पटना-बख्तियारपुर फोर लेन पर कच्ची दरगाह के पुराने एनएच के सामने खत्म हो रहा है। पुल के खंभे इस छोर पर तैयार हो गए हैं।

loksabha election banner

इस वजह से बन रही नयी योजना

एनएचएआइ के संबंधित अधिकारियों का कहना है कि जिस जगह पटना रिंग रोड को कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल से जोड़ा जाना है , इसके लिए एलिवेटेड संरचना बनानी होगी। यह काफी ऊंचा होगा। इससे प्रोजेक्ट की लागत काफी बढ़ जाएगी। इस वजह से इस बात पर काम चल रहा है कि इस एलायनमेंट को रद करते हुए दूसरी योजना बने।

वर्तमान एलायनमेंट से डेढ़-दो किमी आगे बढ़ने पर विचार

प्रोजेक्ट की लागत कम करने को ध्यान में रख इस योजना पर काम चल रहा कि वर्तमान एलायनमेंट के तहत जहां से पटना रिंग रोड को कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल से जोड़ा जाना है उससे डेढ़-दो किमी आगे से इसे पुल की कनेक्टिवटी दी जाए। इससे खर्च कम हो जाएगा। सड़क को बस थोड़ा मोड़ने की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए बहुत अधिक जमीन अधिग्रहण की भी जरूरत नहीं होगी। पटना-बख्तियारपुर फोर लेन का ट्रैफिक भी प्रभावित नहीं होगा।

एनएचएआइ के अधिकारियों ने किया है स्थल निरीक्षण

एनएचएआइ के अधिकारियों ने इस बदलाव के सिलसिले में स्थल निरीक्षण भी किया है। सभी तरह की संभावनाओं को देखा जा रहा। उच्च स्तर पर अनुमति के बाद ही नए एलायनमेंट को तय किए जाने की योजना आगे बढ़ेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.