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तेज प्रताप का बनता-बिगड़ता मूड, कैंसिल किया अपना जनता दरबार, वजह लालू तो नहीं...

लोकसभा चुनाव में राजद के खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी सुप्रीमो लालू यादव ने दिन का खाना छोड़ दिया है। इधर तेज प्रताप का भी बनता-बिगड़ता मूड दिख रहा है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 27 May 2019 09:07 AM (IST)Updated: Tue, 28 May 2019 08:00 AM (IST)
तेज प्रताप का बनता-बिगड़ता मूड, कैंसिल किया अपना जनता दरबार, वजह लालू तो नहीं...
तेज प्रताप का बनता-बिगड़ता मूड, कैंसिल किया अपना जनता दरबार, वजह लालू तो नहीं...

 पटना, काजल।  बिहार में लोकसभा चुनाव में राजद (RJD) को मिली करारी हार के बाद एक तरफ पार्टी प्रमुख लालू यादव (Lalu Yadav) ने रिम्स में दोपहर का खाना तक छोड़ दिया है तो वहीं अब लालू के बड़े बेटे का बनता-बिगड़ता मूड भी परिवार के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। मथुरा से पूजा कर पटना लौटे तेजप्रताप यादव ने एेलान किया कि वो फिर से जनता दरबार लगाएंगे और फिर जनता दरबार को स्थगित भी कर दिया।

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तेजप्रताप ने उसी दिन जनता दरबार लगाने की बात कही जिसदिन हार का मंथन करने के लिए राजद की अहम बैठक है। एेसे में ट्वीट कर तेजप्रताप यादव ने पहले ये जानकारी दी कि 28 मई को सुबह दस बजे से तेजप्रताप पार्टी अॉफिस में जनता दरबार लगाएंगे। जनता दरबार में वो लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली हार की कार्यकर्ताओं के साथ मिल समीक्षा करेंगे और साथ ही जनता की समस्याओं को भी सुनेंगे।

इस ट्वीट के बाद अचानक तेजप्रताप यादव ने जानकारी दी कि अपरिहार्य कारणों से पूर्व स्वास्थ्य मंत्री माननीय तेजप्रताप यदव का जनता दरबार कुछ दिनों के लिए स्थगित किया जाता है। इस तरह से जनता दरबार का कार्यक्रम स्थगित करने के पीछे लालू की तबियत बड़ी वजह बतायी जा रही है। तेजप्रताप का बनता-बिगड़ता मूड हर कोई जानता है।

पार्टी में मिली हार के बाद लालू की तबियत को लेकर एक ओर जहां रिम्स अस्पताल के डॉक्टर चिन्तित हैं तो वहीं लालू परिवार में भी इसे लेकर चिंता की जा रही है। चुनाव में राजद शून्य पर आउट हो गया है और अगले साल विधानसभा का भी चुनाव होना है। एेसे में पार्टी को लेकर लालू की चिन्ता भी लाजिमी है।

बता दें कि बिहार में कांग्रेस-राजद-आरएलएसपी-हम और वीआईपी ने महागठबंधन बनाकर चुनाव लड़ा था।बिहार की 40 में 39 सीटों पर एनडीए गठबंधन ने कब्जा जमा लिया तो वहीं, महागठंधन के हिस्से मात्र एक सीट आई, जो कांग्रेस की थी। कांग्रेस ने किशनगंज की सीट जीतकर अपनी इज्जत बचा ली लेकिन राजद के हिस्से कुछ नहीं आया।

बिहार में राजद, उपेंद्र कुशवाहा की RLSP, जीतनराम मांझी की हम और सन ऑफ मल्लाह मुकेश साहनी की VIP अपना खाता तक नहीं खोल पाई। अब सभी पार्टियां अपने-अपने हिस्से की हार की समीक्षा करेंगे।

तेजप्रताप यादव ने दिसंबर से जनता दरबार की शुरुआत की थी और अपने पिता लालू प्रसाद यादव की ही तरह जनता की समस्याओं को अपने जनता दरबार में सुनते थे और उसका निपटारा भी अपने हिसाब से किया करते थे। लोकसभा चुनाव की व्यस्तता के बाद तेजप्रताप यादव फिर से मथुरा गए थे और वहां पूजा-अर्चना कर पटना लौट आए हैं।

तेजप्रताप यादव ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है और लिखा है कि 28 मई से जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं के समस्याओं को सुलझाने के लिए आपलोगों के बीच फिर से उपस्थित रहूंगा। बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेज प्रताप यादव ने कहा कि वह लोगों की समस्याएं सुलझाने को लेकर अपने पिता के रास्ते पर चल रहे हैं।

बता दें कि लोकसभा में राजद को मिली करारी शिकस्त के बाद पार्टी मंथन करने के लिए दो दिनों तक राबड़ी आवास में बैठक करेगी, जिसमें पार्टी के सभी नेता और कार्यकर्ता शामिल होंगे। ये बैठक 28 और 29 मई को राबड़ी आवास में होगी। लेकिन उससे पहले ही तेजप्रताप यादव ने अपने जनता दरबार का एेलान कर दिया है और फिर उसे स्थगित कर दिया। 

तेजप्रताप यादव में लोग लालू का अक्श देखते हैं और यही वजह है कि उनके जनता दरबार में काफी संख्या में लोग अपनी समस्याएं लेकर आते हैं और तेजप्रताप सबकी बात ध्यान से सुनते हैं और लोगों को भरोसा दिलाते हैं कि उनके लिए न्याय की लड़ाई लड़ेंगे। कई मामलों में तो वो खुद थाने पहुंच जाते हैं और पुलिस अधिकारियों से भी भिड़ जाते हैं। उनके बोलने का अंदाज और भाषा शैली बिल्कुल लालू यादव की तरह देसी अंदाज वाला होता है।  

चुनाव प्रचार में उतरे तेजप्रताप ने मंच से भी एेलान किया था कि वो बिहार के दूसरे लालू यादव हैं, उनमें लालू का ही खून है। तेजप्रताप यादव भी अपने पिता लालू यादव की तरह ही जनता से सीधे कनेक्ट हो जाते हैं। कभी वो सबके साथ मिलकर सत्तू पार्टी करते हैं तो कभी हैंडपंप चलाकर उसके पानी से नहाते भी हैं। 

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