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शराबबंदी के काम में शिक्षकों को लगाने पर भड़की लालू की पार्टी, कहा-बच्‍चों की पढ़ाई हो जाएगी चौपट

शराबबंदी के काम में शिक्षकों को लगाए जाने के राज्य सरकार के आदेश को राजद ने बेतुका फरमान बताकर विरोध किया है। इसे तत्काल वापस लेने की मांग की है। क्‍योंकि इससे शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह ठप हो जाएगी। सरकार को पढ़ाई से ज्यादा महत्वपूर्ण शराबबंदी दिखाई पड़ रहा है।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 09:08 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 09:08 AM (IST)
शराबबंदी के काम में शिक्षकों को लगाने पर भड़की लालू की पार्टी, कहा-बच्‍चों की पढ़ाई हो जाएगी चौपट
लालू प्रसाद यादव और सीएम नीतीश कुमार। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। शराबबंदी के काम में शिक्षकों को लगाए जाने के राज्य सरकार के आदेश को राजद ने बेतुका फरमान बताकर विरोध किया है। इसे तत्काल वापस लेने की मांग की है। राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने बताया कि सरकार द्वारा प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यपकों, शिक्षकों, शिक्षा सेवकों एवं तालीम मरकजों के साथ विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्यों को गुपचुप तरीके से शराब पीने वालों और आपूर्ति करने वालों के बारे में मद्य निषेध विभाग को सूचित करने का आदेश जारी किया गया है।

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पूरी तरह ठप हो जाएगी शिक्षा व्‍यवस्‍था 

राजद प्रवक्ता ने कहा कि शिक्षकों के लाखों पद रिक्त रहने के कारण स्कूलों में सही तरीके से पढ़ाई नही हो रही है। पहले से ही शिक्षकों से कई अन्य काम लिए जाते रहे हैं। शिक्षकों की कमी से कई स्कूलों में ताला भी लटका रहता है। सरकार के इस नए फरमान से शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह ठप हो जाएगी। सरकार को बच्चों की पढ़ाई से ज्यादा महत्वपूर्ण काम शराबबंदी दिखाई पड़ रहा है। ऐसा इसलिए भी किया जा रहा है कि सरकारी स्कूलों मेें गरीबों के बच्चे पढ़ते हैं। राजद नेता ने कहा कि शराबबंदी के नाम पर सरकार सिर्फ तमाशा कर रही है। सारा प्रशासन इसी काम में लगा हुआ है फिर भी शराब का कारोबार चल रहा है।

शिक्षा विभाग ने जारी किया है आदेश 

गौरतलब है कि चोरी-छिपे शराब पीने वाले या शराब की आपूर्ति करने वालों की जासूसी का जिम्‍मा शिक्षकों को दिया गया है। शिक्षक इसके लिए मद्य निषेध विभाग के नंबर-9473400378 और 9473400606 तथा टाल फ्री नंबर 18003456268/15545 पर सूचना देंगे।  उनका नाम-प‍ता गुप्‍त रखा जाएगा।  शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने सभी क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक (आरडीडीई), जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को इस आशय का आदेश दे दिया। इसको लेकर राजद की ओर से आपत्ति जताई गई है। 


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