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Lalu Yadav News: सीबीआइ ने चला बड़ा दांव, आज फिर नहीं मिली लालू को जमानत; जानें क्‍या है पूरा मामला?

Lalu Yadav News सीबीआइ ने अदालत में लालू की आधी सजा काटने की दलील पर सवाल उठाते हुए कहा है कि उन्‍हें कुल सात साल की सजा मिली है। जबकि सीआरपीसी की धारा 427 के प्रावधानों के मुताबिक इस मामले में उन्‍होंने एक दिन भी सजा नहीं काटी।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 06 Nov 2020 05:58 PM (IST)Updated: Sat, 07 Nov 2020 04:16 AM (IST)
Lalu Yadav News: सीबीआइ ने चला बड़ा दांव, आज फिर नहीं मिली लालू को जमानत; जानें क्‍या है पूरा मामला?
लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले के चार मामलों में सजा काट रहे हैं।

पटना, जेएनएन। Lalu Yadav News बिहार विधानसभा चुनाव में जीत की आस लगाए राजद खेमे में मायूसी है, क्‍योंकि सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अभी जेल में ही रहेंगे। एक बार फिर उन्‍हें जमानत नहीं मिल पाई। शनिवार को झारखंड हाई कोर्ट में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई, लेकिन सीबीआइ की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय लिया गया है। उच्‍च न्‍यायालय में इस मामले की अगली सुनवाई अब 27 नवंबर को होगी। केंद्रीय जांच एजेंसी ने इसके साथ ही लालू की जमानत रोकने को एक बड़ा दांव चल दिया है। ऐसे में इस बार भी बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री लालू प्रसाद की दीवाली और छठ जेल में ही मनेगी।

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चारा घोटाले के चार मामलों के सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव फिलहाल रांची के बिरसा मुंडा जेल में सजा काट रहे हैं। उन्‍हें 16 गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए रिम्‍स में भर्ती कराया गया है। शनिवार को झारखंड हाई कोर्ट में दुमका कोषागार मामले में उनकी जमानत पर सुनवाई हुई। इस क्रम में लालू की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता और कांग्रेस नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्‍बल ने लालू का पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान उच्‍च अदालत के न्‍यायाधीश जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में दलील दी गई कि लालू ने इस मामले में सुनाई गई कुल सजा 7 साल की आधी अवधि से अधिक समय जेल में काटी है। ऐसे में उनकी जमानत मंजूर कर ली जाय। कहा गया कि लालू ने अबतक 42 माह 26 दिन जेल में काटे हैं, इस लिहाज से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार उन्‍हें बेल दिया जाना चाहिए।

सीबीआइ ने चला बड़ा दांव

लालू प्रसाद की ओर से अदालत में दाखिल किए गए दस्‍तावेजों के आधार पर जवाब देने के लिए फिलहाल सीबीआइ ने 2 हफ्ते का समय तो मांगा है, लेकिन केंद्रीय जांच एजेंसी लालू की जमानत रोकने के लिए बड़ा दांव चल रही है। सीबीआइ का कहना है कि दुमका कोषागार मामले में लालू को कुल सात साल की सजा सुनाई गई है, जिसमें से एक दिन भी लालू ने अबतक नहीं काटी है। लालू को कुल चार मामलों में सजा हुई है। जबकि वे सिर्फ एक मामले में ही अभी सजा काट रहे हैं। सीबीआइ ने लालू की आधी सजा पूरी किए जाने की दलील पर सवाल उठाते हुए कहा कि सीआरपीसी की धारा 427 में यह स्‍पष्‍ट प्रावधान है कि एक मामले में सजा पूरी होने के बाद दूसरी सजा की अवधि शुरू होगी। हालांकि सीबीआइ की ओर से चाईबासा कोषागार मामले में भी लालू की जमानत याचिका का विरोध करते हुए यह दलील दी थी, लेकिन तब हाई कोर्ट ने इसको दरकिनार करते हुए लालू को जमानत दे दी।

सीबीआइ को 23 नवंबर तक दाखिल करना है जवाब

लालू प्रसाद यादव के वकील कपिल सिब्‍बल और देवर्षि मंडल ने उच्‍च न्‍यायालय में जमानत याचिका की सुनवाई के क्रम में कहा कि एजेंसी जान-बूझकर अनावश्‍यक रूप से लालू के मामले में देरी करना चाहती है। जिस पर कोर्ट ने सीबीआइ को हर हाल में 23 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। अब इस मामले की सुनवाई 27 नवंबर को निर्धारित की गई है।

जेल में लोगों से मिलने के मामले में भी सुनवाई

लालू प्रसाद यादव जेल में लगातार लोगों से मिलते रहे हैं, रिम्‍स में कई बार बिना किसी आधिकारिक आदेश के अपने चहेतों से लालू के मिलने और सियासी दरबार सजाने की खबरें आती रही हैं। ऐसे में हाई कोर्ट में दाखिल की गई इन मामलों की याचिका पर शनिवार को सुनवाई हुई। लालू की तबीयत और सेहत के ताजा अपडेट की रिपोर्ट रिम्‍स प्रबंधन की ओर से अदालत में दाखिल की गई है। जबकि जेल आइजी की ओर से दाखिल रिपोर्ट रिकॉर्ड में नहीं होने की वजह से इस मामले की सुनवाई भी 27 नवंबर को निर्धारित की गई है। कोर्ट ने रिम्‍स से लालू की बीमारी की रिपोर्ट और जेल आइजी से लालू के जेल में रहने के क्रम में अपने लोगों से बेरोकटोक मिलने के मामले में रिपोर्ट तलब किया है।


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