Move to Jagran APP

गुजरात में कांग्रेस की हार का बिहार पर भी असर, लालू को लगा बड़ा आघात

गुजरात में कांग्रेस की हार का बिहार की राजनीति पर भी असर पड़ा है। इससे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को बड़ा झटका लगा है।

By Amit AlokEdited By: Published: Tue, 19 Dec 2017 08:57 AM (IST)Updated: Wed, 20 Dec 2017 11:20 PM (IST)
गुजरात में कांग्रेस की हार का बिहार पर भी असर, लालू को लगा बड़ा आघात
गुजरात में कांग्रेस की हार का बिहार पर भी असर, लालू को लगा बड़ा आघात

पटना [अरविंद शर्मा]। गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा से आमने-सामने की टक्कर में कांग्रेस की करीबी हार से बिहार भी अछूता नहीं है। नतीजे ने प्रदेश भाजपा को उत्साहित और कांग्रेस को निराश किया है। सबसे बड़ा झटका तो राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को लगा है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगातार बढ़ते कद व भाजपा से मुकाबले के लिए समान विचारधारा वाली पार्टियों को एकजुट करने की कोशिशों में जुटे लालू प्रसाद को अब अपने मकसद को अंजाम तक पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
लालू को गुजरात में कांग्रेस की हार की उम्मीद नहीं थी। यही कारण है कि वोटों की गिनती से एक दिन पहले तक लालू एग्जिट पोल के परिणामों को खारिज करते रहे थे। बिहार विधानसभा चुनाव का हवाला देते हुए वे दावा करते थे कि एग्जिट पोल का हिसाब सही नहीं होता।

loksabha election banner

मतदाताओं के मिजाज और वक्त की नजाकत को देखते हुए गुजरात में चुनाव प्रचार के लिए लालू को कांग्रेस की तरफ से आमंत्रण नहीं दिया गया था। फिर भी लालू ने पटना से ही गुजरात के यदुवंशियों से भाजपा के खिलाफ वोट डालने की अपील की थी।

उन्होंने यह भी कहा था कि कांग्रेस की तरफ से बुलावा आएगा तो वे प्रचार के लिए गुजरात जा सकते हैं। हालांकि उन्हें बुलावा नहीं आया और उनकी खुलेआम अपील के बावजूद कांग्रेस को शिकस्त का सामना करना पड़ा। अब दोनों दलों पर असर पडऩा लाजिमी है। असंभव जीत से भाजपा भी सबक लेगी।
अपने हिसाब से चलेंगे लालू
बिहार में राजद-कांग्रेस की सीधी प्रतिस्पर्धा भाजपा-जदयू गठबंधन से है। यही कारण है कि चारों प्रमुख दलों की निगाहें गुजरात के नतीजे पर टिकी हुई थी। नतीजे का असर भी राजद पर साफ तौर पर पड़ेगा। राजद बिहार में सबसे बड़ी पार्टी है और कांग्रेस अपने दम पर कुछ करने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में बिहार में अपना वजूद बरकरार रखने के लिए कांग्रेस को लालू का सहारा चाहिए।

गुजरात में कांग्रेस अगर जीत गई होती तो स्थिति कुछ और हो सकती थी, किंतु अब कांग्रेस को लालू की मर्जी के मुताबिक ही चलना पड़ेगा। अगले चुनावों में लालू अपने हिसाब से ही गठबंधन की रूपरेखा तय करेंगे।
कांग्रेस की बढ़ेगी परजीविता
पिछले 27 वर्षों से बिहार में अपना दमखम खो चुकी कांग्रेस की दूसरे दलों पर निर्भरता और बढ़ जाएगी। चुनाव परिणाम के पहले तक माना जा रहा था कि गुजरात में राहुल गांधी की मेहनत काम आ सकती है। बेहतर नतीजे की बदौलत बिहार में कांग्रेस अपनी धारा तय कर सकती है। अगले चुनावों में लालू को अधिक सीटें छोडऩे के लिए बाध्य कर सकती है। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी एवं केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा सरीखे अस्थिर चित वाले नेताओं को हिलाया-डुलाया जा सकता है। नतीजे ने यह सत्यापित कर दिया है कि कांग्रेस बिहार में परजीवी ही बनी रहेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.