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जेडी वीमेंस कॉलेज में सुविधाओं का टोटा, लाइब्रेरी भी आउटडेटेड

राजधानी के प्रतिष्ठित कॉलेजों में से एक जेडी वीमेंस में बुनियादी सुविधाएं नदारद हैं। जून-जुलाई मे

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 May 2018 06:12 PM (IST)Updated: Thu, 10 May 2018 06:12 PM (IST)
जेडी वीमेंस कॉलेज में सुविधाओं का टोटा, लाइब्रेरी भी आउटडेटेड
जेडी वीमेंस कॉलेज में सुविधाओं का टोटा, लाइब्रेरी भी आउटडेटेड

राजधानी के प्रतिष्ठित कॉलेजों में से एक जेडी वीमेंस में बुनियादी सुविधाएं नदारद हैं। जून-जुलाई में नया सेशन शुरू होने को है पर न तो अबतक कॉलेज की लाइब्रेरी में किताबें अपडेट हैं और न ही कॉलेज के बाथरूम में सफाई दिखती है। सालों से चली आ रही प्ले ग्राउंड नहीं होने की समस्या आज भी कॉलेज में बनी हुई है।

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कई साल से नहीं प्ले ग्राउंड की सुविधा

जेडी वीमेंस कॉलेज में कई साल से प्ले ग्राउंड की सुविधा नहीं है। कॉलेज की स्पो‌र्ट्स टीचर शांता झा का कहना है, कई बार कॉलेज प्रशासन और खेल मंत्रालय को पत्र लिखा गया है। कहीं से कोई सुनवाई नहीं हुई। कॉलेज की छात्राओं में प्रतिभा की कमी नहीं है। छात्राएं देश-विदेश में सूबे का नाम ऊंचा करने का माद्दा रखती हैं। मगर, सुविधा एक मात्र कमी है।

लाइब्रेरी में आउटडेटेड बुक

जेडी वीमेंस कॉलेज में नया सेशन शुरू होने को है मगर लाइब्रेरी आउटडेटेड है। यहां पर रखीं किताबें जहां पुरानी हैं वहीं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी की इच्छुक छात्राओं के लिए पुस्तकों की कमी है। कैटलॉग भी व्यवस्थित नहीं है। जिस कारण किताबों को ढूंढने में काफी परेशानी होती है। कॉलेज के शिक्षक बताते हैं, कई बार कॉलेज प्रशासन से लाइब्रेरी की हालत को सुधारने की मांग की गई है, मगर इस ओर ध्यान ही नहीं दिया गया। जिस कारण छात्राएं बाहर से ही किताबें खरीदती हैं और पढ़ती हैं।

कैंटीन में नहीं दिखती सफाई

जेडी वीमेंस कॉलेज को राजधानी के बेहतर कॉलेजों में माना जाता है। लेकिन, यहां की सच्चाई कुछ और ही है। पढ़ाई तो छोड़ दीजिए कॉलेज की कैंटीन में खाद्य पदार्थ भी बेहतर नहीं हैं। कॉलेज में दो कैंटीन है। एक की हालत थोड़ी अच्छी तो दूसरे की बदतर। छात्राएं कहती हैं, खाने के सामान शुद्ध नहीं रहते हैं। सफाई न होना सबसे बड़ी परेशानी है। खाने के लिए छात्राओं को बाहर जाना पड़ता है। कैंटीन में बैठने का मन भी हो तो मुश्किल है। छत की जगह टीन लगी है। उसके नीचे गर्मी के दिनों में कितनी देर तक रहा जा सकता है। छात्रा पूजा कहती हैं, अगर हमें कुछ खाने का मन भी हो तो बेहतर विकल्प बाहर जाना ही समझ आता है। कॉलेज में समोसा खाकर ही गुजारा करना पड़ता है, वो भी अपने रिस्क पर।

बाथरूम में पसरी रहती है गंदगी

कॉलेज में छात्राओं के लिए बाथरूम भी साफ नहीं रहता है। कई-कई दिनों तक बाथरूम की सफाई नहीं होती है। छात्राओं की सुविधा के लिए सैनिटरी नैपकिन मशीन लगी है जो भी आए दिन खराब रहती है। इतिहास विभाग की छात्रा सना कहती हैं, अगर कॉलेज में कभी बाथरूम इस्तेमाल करना का मन भी हो तो गंदगी के कारण वहां जाने का मन नहीं होता है।

आधुनिक उपकरण से लैस है जिम

बुनियादी सुविधाओं के अभाव के बाद भी कॉलेज की जिम की हालत बेहतर है। जिम आधुनिक उपकरण से लैस है। छात्राएं जिम का इस्तेमाल भी करती हैं। खेल शिक्षिका द्वारा ही छात्राओं को जिम की ट्रेनिंग दी जाती है। कॉलेज में सुविधाएं तो हैं, छात्राएं सही तरीके से इस्तेमाल नहीं करती हैं। छात्राओं के लिए अलग बाथरूम है पर वे अक्सर शिक्षकों वाले बाथरूम का इस्तेमाल करती हैं। प्ले ग्राउंड की सुविधा के लिए प्रयास जारी है।

- शशि सिंह, प्राचार्य जेडी वीमेंस कॉलेज


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