एडीएम के लापता बेटे का गंगा में मिला शव, स्वजन बोले-हत्या कर फेंका गया, पुलिस ने बरती लापरवाही
कोशी के प्रमंडलीय आयुक्त के ओएसडी के लापता पुत्र का शव पटना में गंगा नदी से बरामद किया गया है। स्वजनों का आरोप है कि उसकी हत्या की गई है। हालांकि पुलिस का कहना है कि प्रथम दृष्टया डूबने से मौत प्रतीत हो रही है।
पटना, जागरण संवाददाता। कोसी के प्रमंडलीय आयुक्त, सहरसा के ओएसडी सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी पुरुषोत्तम कुमार के लापता 30 वर्षीय बेटे दीपक कुमार का शव बुधवार को बरामद किया गया। शव दीघा थाना क्षेत्र के जनार्दन घाट के पास गंगा नदी से मिला। दीपक के सिर से खून निकल रहा था। शरीर में कई जगहों पर जख्म के निशान थे। वहीं से दीपक की स्कूटी, पर्स व कपड़े भी बरामद किए गए। शिनाख्त होने के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। दीघा थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि प्रथम दृष्टया गंगा में डूबने से मौत की संभावना प्रतीत हो रही है। इधर स्वजन हत्या का आरोप लगा रहे हैं।
पुलिस ने कहा-जल्दी एनएमसीएच जाएं वरना शव को जानवर नोच लेंगे
दीपक की हत्या से आहत स्वजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। कहा कि पुलिस ने शरीर पर जख्म का मुआयना तक नहीं किया। बिना देखे उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने शरीर पर मिले जख्म को भी पेपर में नहीं दिखाया। हद तो यह कि पुलिस बोली कि जल्दी एनएमसीएच जाएं नहीं तो शव को जानवर नोच लेंगे। स्वजनों का आरोप है कि घटना के पीछे गहरी साजिश है। शव से कपड़े हटाकर इस तरह रखा गया कि आत्महत्या लगे। लेकिन स्पष्ट दिख रहा है कि हत्या कर शव को गंगा में फेंक दिया गया है। दीपक के पिता ने बताया कि उन्हें बेटे के मोबाइल से ही सूचना दी गई थी। लेकिन दोषी की पहचान नहीं की जा रही है। स्वजनों ने इस मामले में मेडिकल बोर्ड गठित करने की मांग की है।
मंगलवार को घर से निकला था दीपक
दीपक का घर बुद्धा कॉलोनी थाना क्षेत्र के जगत अपार्टमेंट में है। दीपक ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। वे मुंबई में नौकरी करते थे। लाकडाउन में घर आ गए थे। माता-पिता की इकलौती संतान दीपक की शादी हो चुकी थी। उनकी दो बेटियां हैं। बताया गया कि मंगलवार को दिन में दीपक स्कूटी लेकर घर से निकले थे। लेकिन शाम तक लौटे नहीं। उन्होंने कहा था कि दीघा घाट जा रहे हैं। स्वजन ने बुद्धा कॉलोनी एवं दीघा थाने को इसकी सूचना दी। पुलिस छानबीन कर रही थी कि जनार्दन घाट से थोड़ा आगे बढ़ने पर दीपक की स्कूटी मिल गई। वहीं पर्स और कपड़े भी मिले। इसके बाद गोताखोरों को लगाया गया तो शव भी मिल गया।