अपराधियों के ये अजब-गजब नाम, जानकर हैरत में पड़ जाएंगे आप
क्या 'झिंगुर' लूटपाट कर सकता है? 'चूहा' हत्या का आरोपी बनाया जा सकता है? चकरा गए ना! दरअसल ये पटना के अपराधियों के अजग-गजब नाम हैं। आप भी जानिए उनके कारनामें।
पटना [प्रशांत]। ''हां, हां चवनिये के काम होगा...। नहीं सर... स्टीलबा है।'' पटना के किसी पुलिस थाने में ऐसी बातें सुनकर आप धोखा खा जाएं कि वर्दी वाले किसी कॉमेडी शो के किरदार की बात हो रहे हैं। लेकिन, ये बात पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज शातिर अपराधियों की हो रही है। ये अपराध की दुनिया में अपराधियों के अजग-गजब नाम हैं। इनसे ही उनकी पहचान होती है।
कुछ मामलों में तो माता-पिता और परिजनों द्वारा बचपन में ही ऐसे नाम रखे गए होते हैं। अंधविश्वास यह होता है कि ऐसे नाम बच्चों को नजर लगने से बचाते हैं। पर, ज्यादातर नाम अपराध की दुनिया में आने के बाद रखे गए होते हैं। ये अपराधी लूटपाट व अपहरण से लेकर हत्या व दुष्कर्म आदि के संगीन अपराधों में संलिप्त हैं।
शौक है तो पहचान छुपाने का मकसद भी
पुलिस मानती है कि अपराधी ऐसे नाम अपनी विशेष पहचान से खौफ पैदा करने के लिए भी रख लेते हैं। दूसरा पहलू यह कि उनकी पहचान छुपी रहे और वे पकड़ में नहीं आएं। कुछ नाम फिल्मों से भी प्रभावित होकर रख लिए या दे दिए जाते हैं। इसमें गैंग के सदस्यों की ही भूमिका होती है।
ये अजब-गजब नाम
बुद्धा कॉलोनी थाना क्षेत्र के मंदिरी के रहने वाले निरंजन यादव को अपराध की दुनिया में लोथा गोप के नाम से जाना जाता है। उसे लोग लोथा के नाम से ही जानते हैं। सुस्त लोगों को बोलचाल में लोथा कहकर पुकारा जाता है, पर यह अपराधी सुस्त नहीं है।
चवनिया : वर्ष 2013 में बुद्धा कॉलोनी थाना क्षेत्र की मस्जिद गली में चवनिया की हत्या कर दी गई थी। मोहल्ले और पुलिस रिकॉर्ड में भी वह इसी नाम से जाना जाता था। वह कुख्यात अपराधियों के नाम पर रंगदारी वसूलता था और रात में राहगीरों को लूटता था।
चुहवा : अवधेश सिंह नाम है, लेकिन प्रचलित है चुहवा के नाम से। यह नक्सली संगठन पीएलएफआइ के प्रमुख गणेश शंकर का भाई है। वैसे, चुहवा नाम के कई अपराधी शहर में हैं। ज्यादातर को यह उपनाम बचपन से ही मिला है। मोकामा का चुहवा भी कई हत्याकांडों का आरोपी रहा है। हालांकि, वह पुलिस गिरफ्त में नहीं आ सका।
इनकाउंटर : इस अपराधी का असली नाम 'इनकाउंटर' नहीं है, लेकिन जाना जाता है 'इनकाउंटर' के नाम से। यह गाडिय़ां चुराता है। चोरों के इसके गिरोह में दस-बारह सदस्य हैं, जो राजधानी से गाडिय़ां चुराकर दूसरे राज्यों में बेचते हैं। इसे दानापुर थाने की पुलिस ने दबोचा था।
डिस्को : इस अपराधी का असली नाम शायद ही किसी को पता हो। लोग इसे डिस्को के नाम से ही जानते थे। पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में यह 2013 में मारा गया। डिस्को और इसके गिरोह ने आधा दर्जन से अधिक अपहरण, हत्या, लूट आदि वारदातों को अंजाम दिया था।
बुलडोजर : इस अपराधी का असली नाम उमेश है, लेकिन जाना जाता है बुलडोजर के नाम से। यह हाईवे लुटेरा गिरोह का सरगना है। यह भारी वाहनों को निशाना बनाता है। गिरोह के सदस्य ट्रक और ट्रैक्टर लूट की वारदातों को अंजाम देते हैं। फुलवारीशरीफ से बिहटा तक इस गिरोह का आतंक है।
स्टीलबा : स्टीलबा भी अपराध की दुनिया का नाम है। यह बेउर थाना क्षेत्र का रहने वाला है। इसी नाम से जाना जाता है। जमीन पर कब्जा, अपहरण, लूटपाट आदि करता है। फुलवारीशरीफ की पुलिस इसकी तलाश में छापेमारी कर रही है। अपराध की दुनिया में नेसले, झिंगुर जैसे ही कई और नाम भी हैं।