Bihar Quarantine Center Update: बिहार में क्वारंटाइन सेंटर का हाल, एडमिट लोगों को सोने नहीं दे रहा मच्छर
बिहार में बाहर से आ रहे प्रवासियों को जरूरत के हिसाब से क्वारंटाइन किया जा रहा है। प्रखंड स्तर पर क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं लेकिन अब वहां मच्छरों का आतंक बढ़ गया है।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में क्वारंटाइन सेंटर के भीतर किस्म-किस्म के चर्चे के बीच अब मच्छरों के आतंक का किस्सा भी खूब चल रहा है। कई जिलों के प्रखंड स्थित क्वारंटाइन सेंटर पर मच्छरदानी भी उपलब्ध कराई जा रही है। आपदा प्रबंधन विभाग इस संबंध में निर्देश देगा। वहीं, लाेगों को इस बात से राहत है कि मच्छरों के काटने से कोरोना नहीं होता है।
प्रखंड स्तर पर क्वारंटाइन सेंटर की मॉनीटरिंग कर रहे आला अधिकारियों का कहना है कि कई जगहों पर मच्छरों की वजह से परेशान लोगों के आग्रह पर मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती दी गयी थी, पर इससे कोई और समस्या न उत्पन्न हो जाए इस बात को केंद्र में रख कुछ जगहों पर जिलाधिकारियों ने अपने स्तर पर मच्छरदानी का इंतजाम कर इस बारे में आपदा प्रबंधन विभाग को सूचित कर दिया। एक मच्छरदानी की कीमत 100 रुपए पड़ रही है। आपदा प्रबंधन विभाग ने जिलाधिकारियों को कहा है कि इस बारे में आपदा प्रबंधन विभाग निर्देश जारी कर देगा।
मजेदार बात यह है कि क्वारंटाइन सेंटर पर आपस में लोग खूब यह चर्चा कर रहे कि मच्छर के काटने से कोरोना होता है कि नहीं। लोग एक-दूसरे को आश्वस्त कर रहे कि अब तक जितने भी तरह की एडवाइजरी है, उसमें ऐसा कहीं भी जिक्र नहीं कि मच्छर काटने से कोरोना होता है। यह भी एक-दूसरे से लोग पूछ रहे कि चौदह दिन की जगह इक्कीस दिनों का क्वारंटाइन क्यों हो गया?
गौरतलब है कि सरकार के निर्देश के बाद बिहार में प्रखंड स्तर पर क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। वहां अफसरों की तैनाती की गई है। दूसरे प्रदेशों से आ रहे प्रवासियों में यदि कोई संदिग्ध मिलता है तो उसे क्वारंटाइन किया जा रहा है। काफी बारीकी से मॉनीटरिंग की जा रही है। बता दें कि जयपुर, कोटा, केरला से छात्रों, मजदूरों, कामगारों का जत्था लगातार आ रहा है। ऐसे में कोरोना को रोकने को लेकर सरकार की चुनौती और अधिक बढ़ गई है।