बिहार में सिपाही बहाली की प्रक्रिया रद, जानिए इसकी क्या है सबसे बड़ी वजह
बिहार में सिपाही भर्ती प्रक्रिया रद कर दी गई है और इसके पीछे की सबसे बड़ी जो वजह सामने आई है वो ये है कि बिहार में नवनियुक्त सिपाहियों के लिए प्रशिक्षण की समुचित व्यवस्था का अभाव।
पटना [राजीव रंजन]। राजधानी के नवीन पुलिस केंद्र में विगत 4 नवंबर को हुई घटना भले ही बिहार पुलिस में 9900 सिपाहियों और अग्निशाम सेवाओं में 1965 आग्निकों की नियुक्ति प्रक्रिया को रद करने का कारण बना हो। लेकिन सिपाही बहाली की इस प्रक्रिया को रद किए जाने के पीछे सबसे बड़ी वजह बिहार में नवनियुक्त सिपाहियों के लिए प्रशिक्षण की समुचित व्यवस्था का अभाव।
एक तरफ पिछले कुछ वर्षों से बिहार में सिपाहियों की लगातार नियुक्तियां की जा रही हैं। लेकिन दूसरी तरफ इन नवनियुक्त सिपाहियों के प्रशिक्षण के लिए आधारभूत संरचनाओं की घोर कमी है।
विगत 4 नवंबर को पटना के नवीन पुलिस केंद्र में प्रशिक्षु सिपाहियों द्वारा किए गए बवाल के बाद सरकार ने तय किया है कि जबतक राज्य में सिपाहियों के लिए प्रशिक्षण का पूर्ण इंतजाम नहीं हो जाता, तबतक सिपाहियों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं की जाएगी। बता दें कि वर्ष 2000 में बिहार विभाजन के बाद हजारीबाग में राज्य का सबसे बड़ा पुलिस प्रशिक्षण केंद्र (पीटीसी) झारखंड के हिस्से में चला गया।
विभाजन के 18 वर्षों बाद भी राज्य में भागलपुर के नाथनगर स्थित पीटीसी को छोड़ एक भी नए व स्थाई पुलिस प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना नहीं हो सकी। राजगीर में राज्य के सबसे बड़े पुलिस प्रशिक्षण केंद्र का निर्माणकार्य वर्ष 2010 में ही शुरू हुआ था जो अबतक निर्माणाधीन है।
सूत्र बताते हैं कि पटना के जोनल आइजी नैयर हसनैन खां ने पटना के नवीन पुलिस केंद्र में विगत 4 नवंबर को हुई घटना की जांच रिपोर्ट में भी कहा है कि घटना के पीछे प्रशिक्षु सिपाहियों की मुख्य भूमिका रही है। दरअसल, राजगीर में 133 एकड़ में निर्माणाधीन बिहार पुलिस अकादमी का निर्माणकार्य वर्ष 2016 में ही पूर्ण होना जाना चाहिए था। लेकिन इसके निर्माण में हुए विलंब के बावजूद बिहार पुलिस में सिपाहियों की नियुक्ति प्रक्रिया लगातार जारी रही।
ऐसे में नवनियुक्त सिपाहियों को नाथनगर के अलावा बीएमपी केंद्रों के साथ-साथ विभिन्न जिलों के पुलिस लाइन में प्रशिक्षित किया जा रहा था। जिसका नतीजा पिछले दिनों पटना की सड़कों पर दिखा।
अब इस तरह की घटना की राज्य के किसी अन्य जिले में पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए प्रशिक्षण व्यवस्था दुरुस्त करने के बाद ही सिपाहियों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सूत्र बताते हैं कि राजगीर का पुलिस प्रशिक्षण केंद्र अगले कुछ ही महीनों में बनकर तैयार हो जाएगा।