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जानिए किस तरह अय्याशी का खर्च निकालने को बाइकर्स गैंग में शामिल हो रहे छात्र

पटना में बाइकर्स गैंग की संख्या सालभर पहले तीन -चार थी और अब इनकी संख्या एक दर्जन के पार हो गई है। गैंग में सिर्फ छात्र हैं जो अय्याशी के खर्च के लिए गैंग में शामिल होते हैं।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 04:07 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 11:48 PM (IST)
जानिए किस तरह अय्याशी का खर्च निकालने को बाइकर्स गैंग में शामिल हो रहे छात्र
जानिए किस तरह अय्याशी का खर्च निकालने को बाइकर्स गैंग में शामिल हो रहे छात्र

पटना [जेएनएन]। राजधानी पटना में सालभर पहले तीन-चार बाइकर्स गैंग ही सक्रिय थे, लेकिन अब इनकी संख्या एक दर्जन के पार हो गई है। रोज-रोज नए गिरोह का पर्दाफाश हो रहा है। इनकी धमक शहर से ग्रामीण इलाकों तक पहुंच गई है। विडंबना है कि गैंग के ज्यादातर सदस्य मैट्रिक से लेकर स्नातक तक के छात्र हैं, जो अय्याशी का खर्च निकालने के लिए गैंग में शामिल हुए हैं।

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गैंग का सरगना शुरुआत में छात्रों को बुरी लत लगाता है। फिर उनसे छोटी-मोटी वारदातें जैसे मोबाइल व चेन स्नैचिंग, मारपीट आदि में संलिप्त कर मनोबल बढ़ाता है। जब उनके जेहन से पुलिस का खौफ खत्म हो जाता है, तब उनके जरिए बड़ी घटनाएं कराई जाती हैं। सोमवार की रात एसके पुरी थाने की पुलिस ने किंग्स ऑफ पटना नामक बाइकर्स गैंग के जिन चार बदमाशों को गिरफ्तार किया, वे भी कहीं न कहीं से पढ़ाई कर रहे हैं।

अनुसंधान में यह स्पष्ट हो चुका है कि सभी गैंगों के अधिसंख्य सदस्य वैसे छात्र हैं, जो पटना में पढ़ाई करने की बात कहकर दूसरे जिलों से आए हैं। बुरी लत और गर्लफ्रेंड का खर्च निकालने के लिए वे गैंग में शामिल हो गए। 

वर्चस्व के लिए जाते हैं राजनीतिक दलों की रैलियों में 

तफ्तीश में इस बात का भी खुलासा हो चुका है कि राजनीतिक दलों की रैलियों में भीड़ बढ़ाने के लिए बाइकर्स गैंग को शामिल किया जाता है। इसके लिए सरगना को प्रति बाइक पर दो लड़कों के अनुसार भुगतान करना पड़ता है।

बाइकर्स गैंग में वैसे लड़के भी सदस्य हैं जिनके परिवार की आर्थिक स्थिति काफी मजबूत है। वे रसूख और वर्चस्व बनाने के लिए शौक से इन रैलियों का हिस्सा बनते हैं। बड़े नेताओं के साथ तस्वीर लेने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल करते हैं, ताकि इलाके में उनका दबदबा बना रहे। जमीन-मकान पर कब्जा दिलाने के लिए भी बाइकर्स गैंग का उपयोग किया जा रहा है।

इस गैंग का यहां है वर्चस्व 

किंग्स ऑफ पटना - बोरिंग रोड, पाटलिपुत्र, दीघा, बुद्धा कॉलोनी

रोमर्स - कंकड़बाग और पत्रकार नगर

बिगड़े नवाब शहजादे - गर्दनीबाग और फुलवारीशरीफ 

लीजेंड ऑफ पटना - जक्कनपुर और गर्दनीबाग

बाप्स ऑफ पटना - कंकड़बाग और जक्कनपुर

माइंस - बोरिंग रोड, शास्त्री नगर, पाटलिपुत्र

प्लास्टिक गैंग - मसौढ़ी

रॉकर्स - बुद्धा कॉलोनी और पाटलिपुत्र

एक विलेन - सब्जीबाग, बाकरगंज, कदमकुआं

रैंडम्स - बेउर

अपनी सरकार - खगौल

स्ट्राइकर - शिवपुरी, बोरिंग रोड, सचिवालय

राजेश सरकार - रूपसपुर, एयरपोर्ट

लायंस ऑफ बिहार - जक्कनपुर, बेउर, गर्दनीबाग

हंटर - कदमकुआं और पत्रकार नगर 

हॉर्लिक्स - दानापुर, रूपसपुर

बॉर्नविटा - रूपसपुर, खगौल

कहा-डीआइजी, सेंट्रल रेंज ने   

हाल के दिनों में कई कांडों में बाइकर्स गैंग के सदस्यों की संलिप्तता उजागर हुई है। इनमें ज्यादातर नवयुवक हैं। उनकी सूची तैयार की गई है और पटना पुलिस लगातार उनके विरुद्ध कार्रवाई कर रही है। 

- राजेश कुमार, डीआइजी, सेंट्रल रेंज। 


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