KK Pathak : पांच घंटे तक चली केके पाठक के अधिकारियों और कुलपतियों के बीच बैठक, समस्या गिनाने पर शिक्षा विभाग ने...
Education News केके पाठक के अधिकारियों और कुलपतियों के बीच पटना में पांच घंटे तक बैठक चली। सारी समस्या सुनने के बाद शिक्षा विभाग ने चौंकाने का रिएक्शन दिया। पांच घंटे तक चली इस बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग भी करायी गयी। इस बीच विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं अप-टू-डेट करने की भी जानकारी दी। इसमें वेतन का मुद्दा भी सबसे ऊपर रहा।
दीनानाथ साहनी, पटना। सोमवार को शिक्षा विभाग के साथ विश्वविद्यालयों की आयोजित बैठक में दोनों के बीच संवादहीनता की स्थिति दूर होती दिखी। पटना उच्च न्यायालय के निर्देश पर यह बैठक होटल मौर्या में बुलायी गई थी। इसमें चार महीने के बाद शिक्षा विभाग के अफसर और तमाम कुलपति एक-दूसरे के आमने-सामने हुए।
इससे पहले आठ जनवरी को विभागीय बैठक में कुलपतियों ने हिस्सा लिया था। रुचिकर यह कि बैठक में कुलपतियों ने विश्वविद्यालयों की समस्याएं गिनाईं तो शिक्षा विभाग ने कुलपतियों से अपनी अपेक्षाएं रखीं। पूरे पांच घंटे तक चली बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग भी करायी गयी।
विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं अप-टू-डेट
कुलपतियों ने शिक्षा विभाग के समक्ष विश्वविद्यालयों के वित्तीय संकट से पैदा हुई विषम परिस्थिति की चर्चा की। इस बीच विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं अप-टू-डेट करने की भी जानकारी दी।
विश्वविद्यालयों के कुलपति समेत सभी प्राध्यापकों का भी वेतन भुगतान लंबित रहने से कामकाज पर पड़ने वाले असर से भी विभाग को अवगत कराया गया। वहीं, विश्वविद्यालयों में स्थापित होने वाली डिजिटल लाइब्रेरी के लिए संसाधनों हेतु कमेटी के गठन की आवश्यकता जतायी गई।
नियमित पुस्तकालयाध्यक्षों की नियुक्ति की भी जरूरत बतायी। शिक्षा विभाग से सभी कुलपतियों ने आग्रह किया कि विश्वविद्यालयों में दूरस्थ शिक्षा की समस्याओं का समाधान किया जाए। पर्यटन सहित विभिन्न स्ववित्तपोषी पाठ्यक्रम को प्रारंभ करने के सुझाव भी बैठक में दिए गए।
विश्वविद्यालयों को वित्तीय प्रबंधन में पारदर्शिता लाने की नसीहत
शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव ने विश्वविद्यालयों में वित्तीय प्रबंधन और उसमें पूरी पारदर्शिता लाने की नसीहत कुलपतियों को दी। पूर्व से तय एजेंडे के आधार पर चली बैठक में विभाग की ओर से कुलपतियों के समक्ष यह अपेक्षा भी रखी गई कि सरकार द्वारा उपलब्ध बजट का खर्च संबंधी पाई-पाई का हिसाब दिया जाए।
इसके लिए बही-खाता दुरुस्त रखें । विभाग द्वारा पावर प्रजेंटेशन के जरिए अहम जानकारियां दी गईं। साथ ही विभाग द्वारा वित्तीय नियमावली बीएफआर-जीईआर का उन्मुखीकरण भी हुआ।
तय एजेंडे के तहत जिन मामलों पर बैठक में चर्चा हुई, उनमें न्यायिक मामलों का निष्पादन (विशेषकर अवमाननावाद), अकादमिक कैलेंडर एवं परीक्षाफल प्रकाशन, विश्वविद्यालयों में आंतरिक स्त्रोत की राशि की उपलब्धता, समयबद्ध तरीके से निधि का महत्तम उपयोग की कार्य योजना तथा विभाग द्वारा विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के कार्यों को सुगम बनाया जाना शामिल हैं।
बैठक में ये अधिकारी हुए शामिल
शिक्षा विभाग के विशेष सचिव सतीश चन्द्र झा, उच्च शिक्षा निदेशक रेखा कुमारी, उच्च शिक्षा के उप निदेशक डा.दीपक कुमार सिंह एवं उप निदेशक दिवेश कुमार चौधरी के अलावा सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति, प्रतिकुलपति, कुलसचिव, वित्त परामर्शी, परीक्षा नियंत्रक एवं वित्त अधिकारी।
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