किसानों के विकास के बगैर देश का विकास असंभव
पटना (फतुहा) : किसानों के विकास के बगैर देश का विकास संभव नही है। भारत कृषि प्रधान देश है और देश की
पटना (फतुहा) : किसानों के विकास के बगैर देश का विकास संभव नही है। भारत कृषि प्रधान देश है और देश की 80 फीसद आबादी कृषि पर आश्रित है। यह बात लोक संघर्ष मोर्चा के संयोजक देव कुमार सिंह ने फतुहा में आयोजित किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए सोमवार को कही। सम्मेलन में राज्य के विभिन्न हिस्सों से आए करीब पाच हजार लोगों ने भाग लिया। पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की संख्या अधिक दिखी।
सम्मेलन में पहुंचे पूर्व मंत्री श्याम रजक ने माना कि यह बात सही है कि जिस हिसाब से किसानों का विकास होना चाहिए उस हिसाब से नहीं हो पाया। लेकिन यह भी सच्चाई है राज्य सरकार कृषि क्षेत्र के विकास के लिए प्रयत्नशील है। सम्मेलन में मुख्य रूप से किसानों को हो रही परेशानी पर चर्चा करते हुए जनमुक्ति संघर्ष वाहिनी के सयोजक प्रियदर्शी ने कहा कि किसानों को उपजाये गए अनाज का उचित मूल्य नही मिल पाता है। इसकी वजह से किसान कर्जदार बन जाते हैं। अनाज भंडारण की उचित व्यवस्था नही है। सिंचाई साधनों का अभाव है। खेतो की पटवन के लिए आज भी 50 फीसद गावों में बिजली की व्यवस्था है। अगर है भी तो समय पर बिजली नही मिलती है। सही ढंग से खेती नही होने से मजदूरों का पलायन हो रहा है। किसानों को बैंको से भी सहयोग नहीं मिल पाता है। कृषि ऋण एवं बीमा जैसी योजनाएं भी कारगर नहीं हैं। सम्मेलन में ऋण माफ करने तथा फसल बीमा में तेजी लाने की चर्चा हुई। साथ ही बंद जलस्त्रोतों के जीर्णोद्धार एव बंद सरकारी नलकूपों को अविलंब चालू करने की माग भी सरकार से की गई। इस मौके पर दूरदराज के जिलों से आए प्रतिनिधि कैलाश भारती, विष्णु लाल मराडी, वीरेंद्र चौहान, मणि लाल, उर्मिला कर्ण, दिनेश प्रिये रमन, गिरिजा सतीश, पुरुषोत्तम एवं मनोज कुमार समेत कई वक्ताओं ने किसानों की समस्यायों पर प्रकाश डाला। निदान का सुझाव दिया।