खादी भवन के पुराने इमारत तोड़े जाएंगे, बनेंगे सात मंजिला भवन
राज्य सरकार खादी को बढ़ावा देने के लिए पुराने भवन को तोड़कर नए सात मंजिला भवन बनाए जाएंगे।
पटना [नीरज कुमार]। राज्य सरकार खादी भवन के पुराने इमारत को तोड़कर नया सात मजिला भवन तैयार कराएगी। 24 करोड़ की लागत से नया भवन 18 माह में बनकर तैयार हो जाएगा। खादी बोर्ड के नए सात मजिला भवन के साथ वीआइपी शोरूम बनाने का निर्णय लिया है। भवन का निर्माण प्रारंभ कर दिया गया है। पुराने भवन में तोड़फोड़ शुरू कर दी गई है।
बिहार राज्य खादी-ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी बीएन प्रसाद का कहना है कि राज्य सरकार ने खादी बोर्ड का नया कार्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। सरकारी की योजना के अनुसार पहले पुराने भवन को तोड़ा जाएगा, उसके बाद निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। पुराने भवन के तोड़ने का काम प्रारंभ कर दिया गया है।
18 माह में तैयार होजाएगा नया भवन
मुख्य कार्यपालक अधिकारी का कहना है कि अगले 18 माह में बिहार राज्य खादी-ग्रामोद्योग बोर्ड का नया भवन बनकर तैयार हो जाएगा। इसके लिए तैयारी काफी जोर-शोर से शुरू कर दी गई है। खादी-ग्रामोद्योग बोर्ड की कोशिश है कि भवन निर्माण का काम जल्द से जल्द पूरा हो ताकि खादी को समाज के अंतिम पायदान पर बैठे लोगों तक पहुंचाया जा सके।
तीन मंजिल तक होगा शोरूम
खादी बोर्ड का नये भवन का निर्माण सात मंजिला होगा, जिसमें तीन मंजिल तक शोरूम का निर्माण किया जाएगा। यहा पर राज्य में तैयारी होने वाली खादी वस्त्रों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। यहा पर मधुबनी की मसलीन खादी एव भागलपुर में तैयार किए जाने वाले सिल्क के वस्त्रों को प्रस्तुत किया जाएगा।
बिल्डिंग का एक तल होगा ग्रामोद्योग के उत्पादों के नाम
मुख्य कार्यपालक अधिकारी का कहना है कि नए भवन में एक मंजिल ग्रामोद्योग के उत्पादों के लिए तैयार किया जाएगा। यहा पर विभिन्न सस्थाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को बाजार मुहैया कराया जाएगा। मालूम हो कि राज्य में कई सस्थाओं द्वारा साबुन, अगरबत्ती, मोमबत्ती, पापड़, मधु आदि की बिक्त्री की जाएगी।
सूबे की कलाओं को मिलेगा विशेष बाजार
मुख्य कार्यपालक अधिकारी का कहना है कि नए भवन में राज्य की कलाओं को विशेष तरजीह दी जाएगी। यहा पर मधुबनी चित्रकला, सुजनी कला, पत्थर एव काष्ठ कला, पीतल पर की गई नक्काशी, मि˜ी कला आदि पर काम करने वाले कलाकारों को बाजार मुहैया कराया जाएगा। इससे प्रदेश के कलाकारों को आजीविका के साथ पहचान भी मिलेगी।