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10-12वीं के छात्र चलाते थे 'किलर गैंग', कोड था 'नाइट आउट'

राजधानी पुलिस ने एक नए गैंग का पर्दाफाश किया है। बड़े घर के बेटे और 10-12वीं के छात्रों ने 'किलर गैंग; बना लिया और कोड रखा 'नाइट आउट'। शातिराना दिमाग छात्रों ने बड़ी वारदात का मंसूबा तैयार किया था।

By pradeep Kumar TiwariEdited By: Published: Thu, 14 May 2015 09:53 AM (IST)Updated: Thu, 14 May 2015 09:55 AM (IST)
10-12वीं के छात्र चलाते थे 'किलर गैंग', कोड था 'नाइट आउट'

पटना। राजधानी पुलिस ने एक नए गैंग का पर्दाफाश किया है। बड़े घर के बेटे और 10-12वीं के छात्रों ने 'किलर गैंग; बना लिया और कोड रखा 'नाइट आउट'। शातिराना दिमाग छात्रों ने बड़ी वारदात का मंसूबा तैयार किया था। भूकंप की दहशत में राजधानी वाटिका में शरण लिए लोगों के साथ बैठे और आधी रात बीतने के बाद चार बाइक पर सवार आठ अपराधी निकल पड़े लूटपाट करने। शुक्र था कि पार्क की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था से वहां बड़ी वारदात नहीं कर सके। गांधी मैदान तक शिकार तलाशने वाले बड़े घर के बेटों ने भोर तीन बजे बोङ्क्षरग रोड पर ऑटो सवार को लूट लिया। इसी बीच बुद्धा कॉलोनी की गश्ती पुलिस पहुंची और भाग रहे एक अपराधी को दबोच लिया। जिसकी निशानदेही पर पांच अन्य साथी गिरफ्तार किए गए हैं। पुलिस कप्तान जितेन्द्र राणा ने बताया कि दो फरार अपराधियों की तलाश में छापेमारी चल रही है।

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कैमूर के भभुआ निवासी रविकांत उपाध्याय एक ङ्क्षहदी दैनिक में प्रसार विभाग में काम करते हैं। वे रात तीन बजे के करीब एक ऑटो से बोङ्क्षरग रोड होते हुए स्टेशन जा रहे थे, तभी नागेश्वर कॉलोनी मोड़ पर दो बाइक पर सवार चार युवकों ने ओवरटेक कर रोक लिया। चालक कुछ समझता इससे पहले ही दो बाइक पर सवार चार और युवक पहुंच गए। चार बदमाश ऑटो के दांए बाएं खड़े हो गए। आठ बदमाशों को देख ऑटो चालक सहम गया। बदमाशों की नजर रविकांत पड़ी और जेब से दो मोबाइल निकालने के साथ जेब से 11,500 रुपये निकाल लिए। विरोध करने पर रविकांत की पिटाई कर दी। इसी बीच गश्ती पुलिस जिप्सी पहुंच गई, जिसे देख सभी भागने लगे। एक अपराधी पास खड़े एक वाहन के नीचे छिप गया जो मौके से पकड़ लिया गया। उसकी निशानदेही पर रात में कई स्थानों पर छापेमारी की गई। पूछताछ में पता चले आठ युवकों में पांच को बुधवार की देर शाम तक गिरफ्तार कर लिया गया।

पार्क में बनाया लूट का प्लान

मंगलवार दिन में आये भूकंप से सहमे लोग रात में राजधानी वाटिका में शरण पाए हुए थे। इनकी ही भीड़ में किलर गैंग के सदस्य भी बैठ गए। उनकी नजर ऐसे परिवारों पर थी, जो एकांत में हों और उनको शिकार बनाया जा सके। कड़ी पुलिस गश्ती के चलते मंसूबा कामयाब होते न देख चार बाइक पर सवार हो शिकार की तलाश में निकल पड़े।

रेंज अफसर और प्रोफेसर तक के हैं बेटे

गिरफ्तारी के बाद पता चला कि एजी कॉलोनी, पाटलिपुत्रा कॉलोनी, राजीव नगर और राजाबाजार इलाके में रहने वाले अपराधियों के पिता बड़े ओहदे पर हैं। एक के पिता वन विभाग में रेंज अफसर हैं तो दो के पिता प्रोफेसर हैं। एक के पिता रिटायर्ड अधिकारी हैं।

नाइट आउट यानी बाहर निकलो

दर्जनभर छात्रों ने किलर गैंग बनाकर उसका कोड भी तैयार कर लिया था। एक-दूसरे के नाइट आउट कहा और घर पर शादी-ब्याह या फिर किसी के जन्मदिन की बात कह निकल जाते थे। देर रात तक सड़क पर घूम शिकार की तलाश करते थे। सिनेमा देख लौट रहे लोग उनके निशाने पर रहते थे।

उम्र का होगा सत्यापन

थानेदार संजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि सभी छात्र हैं और उनकी उम्र का सत्यापन कराया जाएगा। इस बात का पता लगाया जा रहा है कि गैंग ने अब तक कितनी वारदातों को अंजाम दिया है।


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