Kartik Purnima: कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर को, चंद्रग्रहण के साथ बन रहा यह शुभ योग
Kartik Purnima Ganga Snan in Corona period कार्तिक पूर्णिमा पर पटना के गंगा घाटों पर स्नान के लिए हजारों श्रद्धालु उमड़ते हैं। इस बार गंगा स्नान की भीड़ में कोरोना का खतरा भी रहेगा। इसे लेकर प्रशासन क्या इंतजाम करता है यह तय होना बाकी है।
पटना, जेएनएन। कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार इस बार कोरोना संक्रमण के साये में मनाया जाएगा। इस बार कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर को है। इस दिन पटना के गंगा घाटों पर हजारों श्रद्धालु स्नान के लिए जुटते हैं। गंगा घाटों पर अगर भीड़ जुटी तो काेरोना का खतरा बढ़ जाएगा। श्रद्धालु और प्रशासन त्योहार में इसे किस तरह मैनेज करता है, इसको लेकर अभी बहुत कुछ तय नहीं हो सका है। अभी हाल में पटना के गंगा घाटों पर छठ का त्योहार मनाया गया है। इस दौरान प्रशासन ने व्रतियों से घाट पर आने से बचने की अपील की थी। इसका असर भी हुआ और करीब 25 फीसद कम व्रती घाटों पर आये। बहरहाल इस खबर में जानिए कार्तिक पूर्णिमा पर इस साल बन रहे कैसे दुर्लभ संयोग और क्या है इस पर्व का महत्व...
सर्वार्थ सिद्धि योग और वर्धमान योग में मनेगी कार्तिक पूर्णिमा
सर्वार्थ सिद्धि योग व वर्धमान योग में कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाएगी। हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व माना गया है। प्रत्येक वर्ष में 12 पूर्णिमा आती हैं, लेकिन जब अधिक मास या मलमास आता है तो इनकी संख्या 13 हो जाती है।
कार्तिक पूर्णिमा को कहा जाता है त्रिपुरारी पूर्णिमा
कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा शास्त्री ने बताया कि इस दिन जब चंद्रमा आकाश में उदित होता है उस समय चंद्रमा की 6 कृतिकाओं का पूजन करने से शिवजी की प्रसन्नता प्राप्त होती है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा में स्नान करने से वर्ष भर का फल
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान करने से पूरे वर्ष का स्नान करने का फल मिलता है। 30 नवंबर को रोहिणी नक्षत्र के साथ सर्वसिद्धि योग एवं वर्धमान योग का संयोग होने से इस पूर्णिमा का शुभ योग बन रहा है।
इसी दिन सिखों के पहले गुरु नानक देवजी का 551वां प्रकाशोत्सव
इसी दिन सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी का 551वां जन्मदिन भी मनाया जाएगा। पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 29 नवंबर को दोपहर 12:47 से प्रारंभ होकर 30 नवंबर को दोपहर 2:59 तक रहेगी। इसी दिन कार्तिक स्नान का समापन भी होगा।
इसी दिन लग रहा चंद्रग्रहण, लेकिन भारत में नहीं पड़ेगा कोई असर
कार्तिक पूर्णिमा पर इस साल का चौथा और आखिरी उप छाया चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है और वही 14 दिसंबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा यह चंद्र ग्रहण अमेरिका ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में दिखाई देगा। इस चंद्र ग्रहण का असर भारत में नहीं पड़ेगा। ऐसे में भारत में इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। वैसे भी यह उप छाया चंद्र ग्रहण है। इसलिए इसका किसी भी राशि पर कोई अशुभ प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह चंद्र ग्रहण के दौरान भारत के मंदिरों के पट भी बंद नहीं होंगे।
चातुर्मास के बाद कार्तिक पूर्णिमा को जागते हैं भगवान विष्णु
पंडित राकेश झा ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान विष्णु चातुर्मास के बाद जागृत अवस्था में होते हैं भगवान विष्णु ने इसी तिथि को मस्य अवतार लिया था। कार्तिक पूर्णिमा दीप दान करने का विशेष महत्व है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी के समीप तथा तालाब में सरोवर में गंगा तट पर दीप जलाने से अथवा दीप दान करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर सुख समृद्धि का वरदान देती हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर तिल स्नान करने से शनि दोष समाप्त होने के साथ शनि की साढ़ेसाती और कुंडली में पितृ दोष और चांडाल दोष का निवारण होता है। कार्तिक पूर्णिमा पर अक्षत यानि चावल और काले तिल का दान करने का विशेष महत्व है।