Move to Jagran APP

Kargil Victory Day: पिता की शहादत के वक्‍त गर्भ में थे राहुल- आज सरकार से पूछ रहे- क्‍या हुआ तेरा वादा?

Kargil Victory Day कारगिल युद्ध में जब पिता शहीद हुए तब राहुल मां के गर्भ में थे। आज वे पिता की शहादत के वक्‍त सरकार द्वारा किए वायदों के पूरे नहीं होने को लेकर रोष में हैं।

By Amit AlokEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 11:52 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2020 04:18 PM (IST)
Kargil Victory Day: पिता की शहादत के वक्‍त गर्भ में थे राहुल- आज सरकार से पूछ रहे- क्‍या हुआ तेरा वादा?
Kargil Victory Day: पिता की शहादत के वक्‍त गर्भ में थे राहुल- आज सरकार से पूछ रहे- क्‍या हुआ तेरा वादा?

औरंगाबाद, मुकेश कमार। जब कारगिल युद्ध छिड़ा, उसके ठीक पहले भारतीय सेना के जवान शिव शंकर प्रसाद गुप्ता औरंगाबाद के रफीगंज प्रखंड के बंचर बगरा गांव स्थित घर आए थे। उस वक्त पत्नी रेखा देवी के गर्भ में करीब नौ माह का बच्चा पल रहा था। कारगिल से जैसे ही बुलावा आया, घर-परिवार की चिंता छोड़ युद्ध भूमि की ओर निकल पड़े। इसके बाद तो तिरंगे में लिपटा शव ही घर पहुंचा। तब मां के गर्भ में रहे राहुल आज 12वीं के छात्र हैं। पिता की शहादत के वक्‍त सरकार द्वारा किए गए वायदों के पूरे नहीं हाेने का उन्‍हें मलाल है।

loksabha election banner

दुनिया में आने से पहले सिर से उठ गया पिता का साया

दुनिया में आने से पहले ही राहुल के सिर से पिता का साया उठ गया था। पिता शिव शंकर प्रसाद गुप्ता के कारगिल युद्ध में शहीद होने के 11वें  दिन उनका जन्म हुआ था। रेखा देवी ने पति की शहादत का गम गोद में आए बेटे के चेहरे में भूलकर बच्चों को देश सेवा की सीख दी। राहुल अब 12वीं के छात्र हैं। पिता की ही तरह देश सेवा के जज्बे से भरे हैं। राहुल की बड़ी बहन निशा बताती हैं, 'जब पापा शहीद हुए थे, मैं डेढ़ साल की थी। पिता का चेहरा याद नहीं, मगर उनकी वीरता की कहानी गौरवान्वित करती है।'

देश सेवा के लक्ष्य के प्रति आशान्वित

राहुल राजस्थान के कोटा में रहकर आइआइटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहा है। बहन पटना में रहकर मेडिकल की तैयारी कर रही है। राहुल कहते हैं जब मां हमें पापा की वीरगाथा की किस्से सुनाती है तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं। भाई-बहन दंजीनियर व डॉक्‍टर बनकर देश सेवा करना चाहते हैं।

राज्य सरकार से मिली उपेक्षा से रोष

देश के लिए बलिदान देने वाले शिव शंकर गुप्‍ता के परिवार को सरकार के प्रति रोष भी है। राहुल कहते हैं, 'पापा की शहादत के बाद राज्य सरकार ने लंबी-चौड़ी घोषणाएं कीं। तमाम आश्वासन मिले, लेकिन सब कागजों में ही हैं। न तो सरकारी नौकरी मिली, न ही रहने के लिए सिटी में जमीन।'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.