दलाली के ऑडियो वायरल मामले में कदमकुआं के तत्कालीन थानेदार, दारोगा और सिपाही सस्पेंड
वायरल ऑडियो मामले की जांच के बाद प्रथमदृष्टया दोषी मिले कदमकुआं थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर दारोगा और सिपाही को निलंबित कर दिया गया है। टाउन डीएसपी सुरेश कुमार की जांच रिपोर्ट सिटी एसपी सेंट्रल विनय तिवारी के जरिए गुरुवार को सेंट्रल रेंज आइजी संजय सिंह तक पहुंची थी।
जागरण संवाददाता, पटना: दलाली के वायरल ऑडियो मामले की जांच के बाद प्रथमदृष्टया दोषी मिले कदमकुआं थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर निशिकांत निशि, दारोगा राकेश कुमार और सिपाही अरुण कुमार को निलंबित कर दिया गया है। टाउन डीएसपी सुरेश कुमार की जांच रिपोर्ट सिटी एसपी सेंट्रल विनय तिवारी के जरिए गुरुवार को सेंट्रल रेंज आइजी संजय सिंह तक पहुंची थी। आइजी ने बताया कि निशिकांत वर्तमान में बुद्धा कॉलोनी के थानेदार हैं। साक्ष्य और जांच रिपोर्ट के आधार पर उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। उन्हें पटना रेंज से बाहर भेजने के लिए पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखा जा रहा है। वहीं दारोगा और सिपाही को एसएसपी ने निलंबित कर दिया है। दोनों का तबादला नालंदा जिले में कर दिया गया है। सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी होगी।
एक सप्ताह पूर्व वायरल हुआ था ऑडियो
शराब मामले में दलाली का ऑडियो एक सप्ताह पूर्व वायरल हुआ था। ऑडियो में कदमकुआं थाने में नौ पेटी शराब के साथ जब्त सफारी गाड़ी व दो शराब तस्करों को छोडऩे के लिए पांच लाख रुपये की सौदेबाजी की जा रही थी। उक्त ऑडियो कदमकुआं थाने में अक्सर देखे जाने वाले दलाल सूरज मिश्रा का बताया गया था। कहा जा रहा था कि सूरज मिश्रा की थाने में अच्छी पैठ भी थी। जांच के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आइजी ने ऑडियो सहित अन्य बिन्दुओं पर सिटी एसपी और डीएसपी को जांच करने का निर्देश दिया। इससे स्पष्ट हो सकेगा कि इसमें थाने के पुलिस पदाधिकारियों की कितनी भूमिका है।
दारोगा और सिपाही की दलाल के साथ साठगांठ की पुष्टि
सूत्रों की मानें तो जांच में यह बात सामने आई कि सूरज तत्कालीन थानेदार निशिकांत से लेकर दारोगा राकेश और क्विक मोबाइल के जवान अरुण के संपर्क में रहा करता था। थाने में उसकी गहरी पैठ थी। जमीन से लेकर शराब मामले में लेनदेन की शिकायत पूर्व में भी आ चुकी थी, लेकिन कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिल रहा था। वहीं डीएसपी की जांच में भी दारोगा और सिपाही की दलाल के साथ साठगांठ की पुष्टि हो चुकी है। थानेदार के खिलाफ पूर्व में भी कई शिकायतें वरीय अधिकारियों तक पहुंच चुकी थीं। निशिकांत तत्कालीन थानेदार थे और इनके कार्यकाल में ही सफारी गाड़ी पकड़ी गई थी। इसके बाद दलाली की बात उजागर हुई। ऐसे में प्रथमदृष्टया दोषी मानते हुए निशिकांत पर भी गाज गिर गई। निशिकांत निशि को हाल ही में कदमकुआं से हटाकर बुद्धा कॉलोनी थाने का थानेदार बनाया गया था।