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अब देश के लिए साइकिलिंग में गोल्‍ड जीतना चाहती है ज्‍योति, 1200 किमी साइकिल चला पिता को गई थी घर

दुर्घटना में घायल पिता को साइकिल पर 1200 किमी दूर बिहार के दरभंगा स्थित घर ले गई ज्‍योति को साइकिलिंग फेडरेशन ने मदद की पेशकश की है। ज्‍योति भी देश के लिए गोल्‍ड जीतना चाहती है।

By Amit AlokEdited By: Published: Fri, 22 May 2020 02:07 PM (IST)Updated: Fri, 22 May 2020 03:49 PM (IST)
अब देश के लिए साइकिलिंग में गोल्‍ड जीतना चाहती है ज्‍योति, 1200 किमी साइकिल चला पिता को गई थी घर
अब देश के लिए साइकिलिंग में गोल्‍ड जीतना चाहती है ज्‍योति, 1200 किमी साइकिल चला पिता को गई थी घर

पटना, जेएनएन। लॉकडाउन के दौरान देश में जगह-जगह फंसे लोग किसी तरह घर पहुंच रहे हैं। ऐसा ही एक मामला गुरुग्राम से अपने पिता को साइकिल पर बैठाकर बिहार के दरभंगा पहुंची ज्‍योति का है। इसे लंबे सफर के कारण ज्‍योति के हौसले की सभी तारीफ कर रहे हैं। उसकी मदद के लिए भी हाथ लगातार बड़ रहे हैं। इस बीच भारतीय साइकिलिंग महासंघ ने उसे ट्रायल का मौका दिया है। ज्‍योति के हौसले बुलंद हैं। वह साइकिलिंग में देश का प्रतिनिधित्‍व करते हुए गोल्‍ड जीतना चाहती है।

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आठ दिनों तक साइकिल चला पिता को ले घर पहुंची ज्‍योति

विदित हो कि ग्ररुग्राम में रिक्शा चालक पिता मोहसन पासवान के दुर्घटनाग्रस्‍त होने के बाद ज्‍योति गुरुग्राम आकर उनकी देखभाल कर रही थी। इसी बीच लॉकडाउन की घोषणा हो गई। पिता साइकिल नहीं चला सकते थे, इसलिए ज्योति ने पिता को साइकिल पर गांव ले जाने का फैसला किया। ज्‍योति ने पिता को साइकिल पर बिठाकर करीब 1200 किमी का सफर किया। आठ दिनों तक रोजाना सौ से डेढ़ सै किमी का सफर कर वह बिहार के दरभंगा पहुंची। मीडिया में खबर आने के बाद जिसने भी उसकी कहानी जानी या सुनी, उसके हिम्‍मत की सराहना की।

साइकिलिंग फेडरेशन ने की मदद की घोषणा

उसकी कहानी साइकिलिंग फेडरेशन तक भी पहुंची। फेडरेशन के वीएन सिंह ने कहा कि अगर 15 साल की लड़की इतनी दूरी तक साइकिल चलाकर गई है तो उसमें क्षमता है। अगर उसने सच में ऐसा किया है तो वह काफी सक्षम है। फेडरेशन इसकी जांच करेगा और उसे मदद देगा।

साइकिलिंग की पूरी ट्रेनिंग देगा फेडरेशन

उन्‍होंने बताया कि फेडरेशन ने उसे मौका देने के लिए दिल्‍ली बुलाया है। दिल्‍ली के इंदिरा गांधी स्‍टेडियम में उसका टेस्‍ट लिया जाएगा। टेस्‍ट में अगर वह सक्षम पायी गयी तो उसे साइकिलिंग की ट्रेनिंग दी जाएगी। उसकी साइकिलिंग की प्रतिभा को निखारने के लिए हर सहयोग दिया जाएगा।

देश का प्रतिनिधित्व करना चाहती ज्‍योति

इस बाबत ज्योति ने कहा कि वह लॉकडाउन के बाद दिल्‍ली जाकर टेस्‍ट देगी। वह पढ़ाई के साथ साइकिलिंग भी करना चाहती है। मौका मिला तो वह साइकिलिंग में देश का प्रतिनिधित्व करना व गोल्‍ड मेडल जीतना चाहती है।


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