रिजल्ट घोटाला : जुवेनाइल कोर्ट ने नोटिस जारी कर पूछा, नाबालिग रूबी राय को क्यों भेजा जेल ?
रिजल्ट घोटाले की आर्ट्स की फर्जी टॉपर रूबी राय की गिरफ्तारी के बाद उसे बेऊर जेल मे ऱखने के मामले में जुवेनाइल कोर्ट ने एसआटी और पुलिस से इस बारे में रिपोर्ट जारी कर जवाब मांगा है।
पटना [वेब डेस्क]। इंटर टॉपर घोटाले की आरोपी और फर्जी आर्टस टॉपर रूबी राय की गिरफ्तारी का मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है। बुधवार को इस मामले में जुवेनाइल कोर्ट ने आईजी (कमजोर वर्ग), SIT के सभी सदस्यों, कोतवाली थानाध्यक्ष और डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट समेत छह लोगों को नोटिस जारी किया है।
कोर्ट ने नोटिस जारी कर इन सभी से यह पूछा गया है कि आखिरकार नाबालिग होने के बावजूद रिमांड होम की बजाय जेल क्यों भेजा गया? इन सभी से 26 अगस्त तक रिपोर्ट का जबाब मांगा गया है।
पटना व्यवहार न्यायालय के वकील के डी मिश्रा के अनुसार इसके लिए एसआईटी, जुवेलाइन वेलफयेर ऑफिसर, स्पेशल जुवेलाइन पुलिस सहित तमाम लोग जिम्मेदार हैं और उनके खिलाफ नोटिस जारी किया गया है।
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गौरतलब है कि रूबी राय के नाबालिग होने के बावजूद उसे रिमांड होम के बजाय बेउर भेज दिया गया था और बाद में नाबालिग होने के सुबूत मिलने के बाद रूबी राय को रिमांड होम शिफ्ट किया गया था।
टॉपर्स घोटाले की आरोपी रूबी राय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। रूबी राय नाबालिग थी और पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद रुबी राय को जेल भेज दिया था। उसके बाद पुलिस की कार्य प्रणाली पर लगातार सवाल उठने लगे थे। विधि विशेषज्ञों का भी मानना था कि पुलिस ने टॉपर्स घोटाले के आरोपी रूबी राय के साथ ज्यादती की है।
गिरफ्तारी के बाद यह माना जा रहा था कि रूबी राय को बाल सुधार गृह में भेजा जाएगा पर पटना पुलिस ने ऐसा नहीं किया रूबी राय को आनन फानन में जेल भेज दिया। मानवाधिकार संगठन भी इस मुद्दे को जोर शोर से उठाया था और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए कि जब रुबी राय की उम्र लगभग 17 साल की है तो ऐसे में उसे जुबेदा एक्ट के तहत क्यों नहीं बाल सुधार गृह में भेजा गया।
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आनन फानन में जिस तरीके से रूबी राय को जेल भेजा गया उसे पुलिस की छवि शक के दायरे में आ गई थी।विधि विशेषज्ञ अधिवक्ता शांतनु कुमार ने कहा था कि किसी तरीके से रूबी राय मामले में पुलिस की कार्रवाई को जायज नहीं ठहराया जा सकता। पहली बात तो यह है कि उस बच्ची के नाम पता और उसके चेहरे को मीडिया के सामने नहीं लाना चाहिए था और फिर गिरफ्तार कर जेल भेजना तो कहीं से भी न्यायोचित नहीं है।
शांतनु कुमार ने कहा कि पुलिस की कार्यवाही जुवेनाइल एक्ट के खिलाफ है और पुलिस पूरे मामले में कटघरे में है। स्वयंसेवी संस्थाओं ने इस मामले की शिकायत मानवाधिकार आयोग में की थी और आयोग ने भी इस मामले को संज्ञान में लिया था।
पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने कार्यवाही से पल्ला झाड़ते हुए कहा था कि रुबी राय मामले में पुलिस का कार्रवाई से कोई लेना देना नहीं है रुबी राय को कोर्ट के आदेश के बाद जेल भेजा गया है।