बिहार में सरकारी अस्पताल के जूनियर डॉक्टर कल से जा सकते हैं हड़ताल पर
बिहार में विभिन्न मांगों को लेकर जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर जा सकते हैं। इनकी अधिकांश मांगें पीजी और यूजी छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन की व्यवस्था में गुणात्मक सुधार से जुड़ी हैं।
पटना, जेएनएन। एक बार फिर बिहार के सभी सरकारी अस्पताल में कार्यरत जूनियर डॉक्टर सामूहिक रूप से हड़ताल पर जा सकते हैं। जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने चार अहम मांगों को पूरा किए जाने को लेकर दिए गए 48 घंटे के अल्टीमेटम में अब आठ और मांगों को शामिल कर दिया है।
इनमें से अधिकांश मांगें पीजी और यूजी छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन की व्यवस्था में गुणात्मक सुधार से जुड़ी हैं। एनएमसीएच की व्यवस्था में सुधार को लेकर लंबे समय से मांग करते आ रहे जूनियर डॉक्टरों ने सोमवार से हड़ताल पर जाने का एलान कर दिया है।
प्रधान सचिव से मांगा दिशा-निर्देश
एनएमसीएच के प्राचार्य डॉ. सीताराम प्रसाद ने जूनियर डॉक्टरों की मांग को गंभीरता से लेते हुए शनिवार को प्रधान सचिव को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि यह सभी मांगें सीधे सरकार से जुड़ी हैं। इस दिशा में प्राचार्य ने प्रधान सचिव से दिशा-निर्देश मांगा है।
जूनियर डॉक्टरों ने सौंपा मांग पत्र
दूसरी ओर असैनिक शल्य चिकित्सा सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने सोमवार से पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल होने की संभावना जताई है। उन्होंने विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रतिनियुक्त 15 डॉक्टरों को सात अप्रैल अपराह्न से विरमित करते हुए उन्हें आठ अप्रैल यानी सोमवार पूर्वाह्न तक पीएमसीएच अधीक्षक के समक्ष अपना योगदान देने का आदेश जारी कर दिया है।
जारी सूची में 15 डॉक्टरों के नाम उनके मोबाइल नंबर के साथ दर्ज हैं। इधर, एनएमसीएच अधीक्षक डॉ. चंद्रशेखर ने कहा कि जूनियर डॉक्टरों ने मांग पत्र सौंपा है। संभावित हड़ताल को देखते हुए सभी विभाग के अध्यक्षों को सीनियर डॉक्टरों के साथ मिल कर व्यवस्था संभालने के लिए कहा गया है।
जूनियर डॉक्टरों की मांग
बिहार जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के संयोजक डॉ. रवि रंजन कुमार रमण ने एनएमसीएच प्राचार्य को भेजे गए पत्र में 12 मांगों का उल्लेख किया है। इनमें पटना एम्स के एमबीबीएस उत्तीर्ण छात्रों को बिहार कोटे की 50 प्रतिशत सीट में शामिल न किया जाए। आइजीआएमएस की तरह पीजी छात्रों को स्टाइपेंट दिया जाए। एसआर की योग्यता की अधिकतम उम्र सीमा 37 से बढ़ा कर 45 वर्ष किया जाए।
पीजी विद्यार्थियों के पठन-पाठन के लिए अस्पताल में अत्याधुनिक सुविधायुक्त लाइब्रेरी एवं एमसीआइ के मापदंड अनुसार व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए। औषधि विभाग में बेड की संख्या बढ़ाई जाए। इस विभाग को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में स्थानांतरित किया जाए। औषधि विभाग में टीएमटी, होल्डर, एनसीवी, इइजी, मीकू में यूएसजी की व्यवस्था सुनिश्चित हो।
प्रसूति विभाग में इसीजी, एबीजी मशीन लगे। सर्जरी विभाग में आवश्यक उपकरण एवं दवा उपलब्ध हो। गैस्ट्रो सर्जरी तथा गैस्ट्रो मेडिसीन विभाग बनाया जाए। केन्द्रीय आपातकालीन विभाग को सभी विभाग से अलग किया जाए। पीजी छात्रों के लिए छात्रवास की व्यवस्था हो। अस्पताल परिसर एवं इमरजेंसी में चुस्त दुरुस्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित हो।