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पटना हाई कोर्ट में जज एक तिहाई, मुकदमों की संख्या दो लाख से ज्यादा; 53 न्यायमूर्ति की जरूरत

पटना हाईकोर्ट में जजों की संख्या लगातार घट रही है जबकि मुकदमों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। गुरुवार को एक और जज के सेवानिवृत्त हो जाने के बाद मुख्य न्यायाधीश संजय करोल समेत अभी जजों की कुल संख्या 19 रह गई है जबकि होने चाहिए कुल 53 जज।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 15 Jul 2021 10:42 PM (IST)Updated: Thu, 15 Jul 2021 10:42 PM (IST)
पटना हाई कोर्ट में जज एक तिहाई, मुकदमों की संख्या दो लाख से ज्यादा; 53 न्यायमूर्ति की जरूरत
पटना हाईकोर्ट में जजों की संख्या काफी कम है। प्रतीकात्मक तस्वीर।

प्रत्युष सिंह, पटना। पटना हाई कोर्ट में जजों की संख्या लगातार घट रही है, जबकि मुकदमों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। गुरुवार को एक और जज के सेवानिवृत्त हो जाने के बाद मुख्य न्यायाधीश संजय करोल समेत अभी जजों की कुल संख्या 19 रह गई है, जबकि होने चाहिए कुल 53 जज। सितंबर में एक की सेवानिवृत्ति है। तब मात्र 18 जज बच जाएंगे। इस साल अभी तक तीन जज सेवानिवृत्त हो चुके हैं। हेमंत कुमार श्रीवास्तव, शिवाजी पांंडेय, पीके झा की सेवा समाप्त हो गई है। 30 सितंबर को राजेंद्र कुमार मिश्रा भी सेवानिवृत्त हो जाएंगे। 

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मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही

दूसरी ओर हाई कोर्ट में लंबित मुकदमों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। अभी दो लाख 13 हजार से ज्यादा मामले लंबित हैं। इसमें से एक लाख पांच हजार से ज्यादा क्रिमिनल एवं एक लाख आठ हजार सिविल मामले सुनवाई के इंतजार में हैैं। सुप्रीम कोर्ट कालेजियम द्वारा जज की नियुक्ति नहीं करने का नतीजा है कि वकील कोटे से तो दूर न्यायिक सेवा से प्रोन्नति पाकर भी जज नहीं बन पा रहे। एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश चंद्र वर्मा लंबे समय से जजों को नियुक्त का आग्रह करते आ रहे हैं। 

न्यायाधीश प्रभात कुमार झा सेवानिवृत्त

न्यायाधीश प्रभात कुमार झा गुरुवार को सेवानिवृत्त हो गए। उन्होंने पटना हाई कोर्ट के जज के रूप में सात साल काम किया। वे पटना यूनिवॢसटी से 1986 में वकालत की पढ़ाई कर हाई कोर्ट के अधिवक्ता बने। सिविल, क्रिमिनल एवं संविधान से संबंधित मामलों में प्रैक्टिस किया। 1997 में बिहार सुपीरियर जूडिशियरी सॢवस में शामिल हुए। 29 मई, 1997 को बेतिया में एडीजे बने। जुलाई 2005 में छपरा परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए। 2006 तक हाजीपुर में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में काम किया। 2007-08 में हाई कोर्ट में रजिस्ट्रार के पद पर रहे। 21 अप्रैल 2014 को पटना हाई कोर्ट के जज बने। 


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