नालंदा में पुलिस पर हमले और आर्म्स एक्ट के आरोपित को जज ने छोड़ा, एनडीए की परीक्षा कर चुका है पास
Bihar News आर्म्स एक्ट और पुलिस पर हमले के आरोपित के बारे में जज ने दिया अनोखा फैसला बोले- उसकी उम्र तो देखिए उसकी देशभक्ति और प्रतिभा को भी तो देखिए एनडीए की परीक्षा कर चुका है पास
नालंदा, जागरण संवाददाता। बीते 13 सितंबर को नूरसराय के प्रह्लादपुर गांव में गणेश पूजा के दौरान कोविड प्रोटोकाल का उल्लंघन कर हो रहे नाच-गाना को बंद कराने गई पुलिस पर हमला, आर्म्स एक्ट व मारपीट के आरोपित किशोर को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजीबी) ने दोषमुक्त करार दे दिया। अक्सर अपने अनूठे फैसले के लिए जाने जाने वाले जज मानवेन्द्र मिश्र के इस फैसले ने किशोर को करियर संवारने का अवसर दे दिया। जज ने अपने आदेश में उल्लेख किया है कि किशोर ने एनडीए की परीक्षा उत्तीर्ण की है। एनसीसी में सीडीटी रैंक फायरिंग में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। साथ ही साइंस ओलंपियाड में भी जिले में वह प्रथम स्थान पर रहा। इस आरोप के अलावा उसपर कभी कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है। ऐसे में उसके भविष्य को देखते हुए इस केस को खत्म करने का आदेश दिया जाता है।
खेल-तमाशे की ओर आकर्षण किशोर का स्वभाव
जज मानवेन्द्र मिश्र ने आदेश में टिप्पणी की है कि केस दर्ज होने के समय किशोर की उम्र महज 17 साल थी। इस उम्र के किशोर का कहीं हो रहे खेल-तमाशे या नाच-गान की ओर झुकाव होना स्वभाविक है। हां, कोरोना गाइडलाइंस का उल्लंघन करके इस तरह का आयोजन कराना गलत है। किशोर के साथ पुलिस ने दो सौ अन्य ग्रामीणों को भी आरोपित किया था।
सर, मेरी नियुक्ति रद हो जाएगी
कोर्ट में किशोर ने कहा कि उसे हर वक्त इस बात का डर लगा रहता है कि इस केस के चक्कर में कहीं उसकी नियुक्ति रद न हो जाए। उसने कभी कोई अपराध नहीं किया है। न ही किसी तरह के नशे की लत है। उसने यह भी कहा कि वह नाच वाले दिन बिहारशरीफ अपने कमरे में था। चौकीदार के कहने पर नाम जुड़वा दिया गया। जज उसकी साफगोई और देशभक्ति के जज्बे को देख द्रवित हो गए और किशोर को दोषमुक्त करार दे दिया।