Job Vaccany: बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेजों में तीन हजार असिस्टेंट प्रोफेसर की होगी नियुक्ति, बीपीएससी को भेजी अधियाचना
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह ने बताया कि नियुक्ति के लिए बीपीएससी को अधियाचना भेज दी गई है। इसके अलावा सूबे के सात इंजीनियरिंग कॉलेजों के आइआइटी एवं आइआइएम प्रशिक्षित शिक्षकों की 70 हजार प्लस सैलरी राज्य सरकार देगी।
पटना, राज्य ब्यूरो। विश्व बैंक पोषित परियोजना तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय परियोजना कार्यान्वयन एकक (एनपीआइयू) के तहत सूबे के सात इंजीनियरिंग कॉलेजों में कार्यरत प्राध्यापकों का मानदेय अब राज्य सरकार देगी। केंद्र सरकार की देखरेख में चलने वाली यह योजना इस वर्ष 31 मार्च को खत्म हो गयी। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ये शिक्षक आइआइटी व आइआइएम प्रशिक्षित हैं। विद्यार्थियों के हित में इनकी सेवा जरूरी है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि सूबे के सात इंजीनियङ्क्षरग कॉलेज क्रमश: एमआइटी, मुजफ्फरपुर, बीसीई, भागलपुर, मोतिहारी अभियंत्रण महाविद्यालय, दरभंगा अभियंत्रण महाविद्यालय, गया अभियंत्रण महाविद्यालय, नालंदा कॉलेज ऑफ इंजीनियङ्क्षरग तथा लोकनायक जयप्रकाश प्रौद्योगिकी संस्थान, छपरा इस योजना से आच्छादित हैैं। एनआइपीयू योजना के तहत जो प्राध्यापक इन संस्थानों में कार्यरत हैैं उन्हें सत्तर हजार रुपए का मानदेय मिलता है। इसमें परफार्मेंस के आधार पर तीन प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि का भी प्रविधान है। ऐसे प्राध्यापकों की संख्या 216 थी पर वर्तमान में 198 ही कार्यरत हैैं। इन सभी का मानदेय अब राज्य सरकार देगी।
तीन हजार सहायक प्राध्यापकों की होनी है नियमित नियुक्ति
राज्य ब्यूरो, पटना
सूबे के इंजीनियङ्क्षरग कॉलेजों में सहायक प्राध्यापकों के रिक्त 1376 पद सहित लगभग 3000 पदों पर नियमित नियुक्ति होनी है। इसके लिए विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग ने बिहार लोक सेवा आयोग को अधियाचना भेजी हुई है। नियमित नियुक्ति में वर्तमान में संविदा पर काम कर रहे शिक्षकों को प्रति वर्ष पांच अंक की अधिमान्यता दी जाएगी। यह अधिकतम 25 अंक तक होगा।