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मांझी की पार्टी ने जदूय विधायक को कहा चिरकुट, बोली- संभल जाइए नहीं तो खामियाजा भुगतना होगा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) शराबबंदी कानून को लेकर जदूय के खिलाफ लगातार बयान दे रहे हैं। जदयू विधायक डा. संजीव कुमार ने सोमवार को कहा कि बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी पर बड़ा हमला किया।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 05:35 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 07:59 AM (IST)
मांझी की पार्टी ने जदूय विधायक को कहा चिरकुट, बोली- संभल जाइए नहीं तो खामियाजा भुगतना होगा
पूर्व सीएम जीतनराम मांझी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। जागरण आर्काइव।

जागरण टीम, पटना। बिहार के नालंदा में जहरीली शराब पीने से हुई 12 मौतों के मामले ने राजनीतिक गलियारे में चर्चा छेड़ दी है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दल आमने सामने हो गए हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) शराबबंदी कानून को लेकर जदूय के खिलाफ लगातार बयान दे रहे हैं। जदयू विधायक डा. संजीव कुमार ने सोमवार को कहा कि बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी पर बड़ा हमला किया। उन्होंने कहा कि मांझी क्या बोलते हैं उन्हें खुद भी नहीं पता रहता। मांझी को जदयू सीरियस नहीं लेता है। बयान पर मांझी के दल ने पलटवार किया है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने जदयू विधायकों को चिरकुट बताते हुए कहा है कि संभल जाइए वरना खामियाजा भुगतना पड़ेगा। 

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हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि जदयू अपने चिरकुट विधायकों को संभाल कर रखे, नहीं तो खामियाजा भुगतना पड़ेगा। हम ने कहा कि ऐसे चिरकुट नेताओं की वजह से भाजपा नेता जदयू नेताओं को उनकी हैसियत बता रहे हैं। सावधान रहें नहीं तो खामियाजा भुगतना पड़ेगा। गौरतलब है कि खगड़‍िया के परबत्‍ता से जदयू विधायक डा. संजीव कुमार ने कहा था कि मीडिया में बने रहने के लिए जीतनराम मांझी कुछ भी बोल देते हैं। मांझी क्‍या बोल देंगे इसका ठिकाना नहीं रहता है। उनके बयान को न तो जदयू न ही सरकार ही गंभीरता से लेती है। 

अकारण ही शराबबंदी की प्रासंगिकता पर प्रश्नचिह्न लगा रहे: विजय

नालंदा के प्रभारी व शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने रविवार को कहा कि कुछ लोग अकारण ही शराबबंदी कानून की प्रासंगिकता पर प्रश्नचिह्न लगाते हैैं। हालांकि इस कानून के पक्ष में व्यापक जनसमर्थन के परिपेक्ष्य में वे लोग इसे गलत भी नहीं बताते। विचारणीय है कि भारतीय दंड विधान के गठन के समय से ही हत्या, लूट, दुष्कर्म आदि की घटना जघन्य अपराध घोषित हैं तथा इनके लिए सख्त दंड का प्रविधान है। आज भी अगर इस श्रेणी के अपराध होते हैं तो क्या उन कानूनों की समीक्षा होनी चाहिए या फिर उन्हें सख्ती से लागू करना चाहिए। विजय चौधरी ने कहा कि नालंदा की घटना अफसोसजनक व कारुणिक है। लोग इस बुरी लत से परहेज नहीं करते हैैं। इस तरह की दुखद घटनाएं शराबबंदी कानून के औचित्य को पुख्ता करती हैैं कि शराब पीना जान को जोखिम में डालने के बराबर है। उन्होंने शराब के इस अवैध धंधे एवं काली करतूत में शामिल लोगों की पहचान कर कार्रवाई का निर्देश जिला प्रशासन को दिया है।


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