जीतन राम मांझी ने विधान परिषद की एक और सीट पर दावा ठोंका, बिहार में एनडीए की बढ़ी मुश्किल
हम प्रमुख मांझी ने दो मंत्री पद की मांग पूरी नहीं होने पर अब विधान परिषद की सीट पर दावा ठोंका है। कल ही वीआइपी प्रमुख मुकेश सहनी ने भी एक सीट की मांग की थी। एनडीए में शामिल दोनों छोटी पार्टियों की नई-नई मांग गठबंधन की मुश्किल बढ़ा रही।
पटना, जेएनएन। एनडीए (National Democratic Alliance) में शामिल हम प्रमुख जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) और वीआइपी प्रमुख मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) की नई-नई मांग ने एनडीए की मुश्किल बढ़ा दी है। आज बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने विधान परिषद (MLC) की एक और सीट पर दावा ठोंका है। वे विधान परिषद की राज्यपाल कोटे से मनोनयन वाली सीट की भी मांग कर रहे हैं। फिलहाल इस कोटे की सभी 12 सीटें खाली हैं, जिन्हें जल्द भरा जाना है। खेल, कला संस्कृति, विज्ञान एवं समाज सेवा के क्षेत्र में बेहतर काम करनेवाले लोगों का इन सीटों पर मनोनयन किया जाता है।
मांझी और मुकेश सहनी ने पहले नीतीश मंत्रिमंडल (Nitish Cabinet) में दो-दो मंत्री पद की मांग की थी। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भी खाली हाथ रह जाने के बाद अब इनकी नजर विधान परिषद की सीट पर टिक गई है।
सहनी ने भी उठाई मांग
बता दें कि कल ही वीआइपी प्रमुख मुकेश सहनी ने भी इन सीटों में से एक सीट की मांग वीआइपी और एक सीट की मांग हम के लिए की थी। दो मंत्री पद की मांग पूरी नहीं होने पर नाराज सहनी अमित शाह (Amit Shah) से मिलने दिल्ली गए थे। वहां से लौटते ही उन्होंने विधान परिषद की एक सीट की मांग रख दी। उन्होंने यह भी कहा कि वीआइपी और हम को विधान परिषद की एक-एक सीट देने का फैसला अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा नेतृत्व को करना है। सूत्रों के अनुसार भाजपा और जदयू (BJP-JDU) का विधान परिषद की इन सीटों के लिए 50-50 का फॉर्मूला तय हुआ है। ऐसे में अब यह देखना है कि सहनी और मांझी की नई मांग एनडीए में क्या गुल खिलाती है।
फिलहाल एनडीए के दोनों बड़े दलों भाजपा-जदयू ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। हालांकि आज जीतन राम मांझी ने मीडिया से बातचीत में जोर देकर कहा है कि मंत्री पद के साथ विधान परिषद की एक सीट देने पर मौन सहमति बनी थी।