जहानाबाद का लाल व सीआरपीएफ जवान ने शहादत के तीन घंटे पहले घरवालों को किया था वीडियो कॉल, कहा-था छुट्टी में आ रहा घर
जहानाबाद का निवासी सीआरपीएफ श्रीगोपाल कुमार छत्तीसगढ़ में सर्च ऑपरेशन में करंट लगने से शहीद हो गए। शहादत की खबर सुनते ही जवान के घर में कोहराम मच गया। पूरे गांव के लोग शहीद के घर उमड़े। आज शहीद का पार्थिव शरीर छत्तीसगढ़ से पैतृक गांव लाया जाएगा।
पटना/जहानाबाद, जेएनएन। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के चिनकोडेपाल में नक्सलियों के खिलाफ चल रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान विद्युत प्रवाहित तार की चपेट में आने से जहानाबाद के कलपा निवासी श्रीगोपाल कुमार उर्फ सोनू शहीद हो गए। सोनू ने घटना के तीन घंटे पहले वीडियो कॉल के जरिए माता-पिता के साथ ही परिवार के अन्य सभी सदस्यों से बातचीत की थी। अपने दुधमुंहे भतीजे की किलकारी लेते हुए देखकर बेहद खुश हुए थे । मां मीना देवी को बताया था कि 20 नवंबर को छुट्टी में घर आने के लिए आवेदन दे दिया है। मगर होनी को कुछ और ही मंजूर था।
गांव के लोग चीत्कार सुन दौड़ पड़े
पांच नवंबर, गुरुवार रात्रि तकरीबन एक बजे जवान के पिता कौशलेंद्र कुमार के मोबाइल की घंटी बजी। फोन सीआरपीएफ के कमांडेंट का था। उन्होंने उनके पिता को करंट लगने से बेटे के शहीद होने की जानकारी दी। खबर सुनते ही सोनू के घर में कोहराम मच गया। गांव के लोग गहरी निंद्रा में सोए हुए थे लेकिन चीत्कार सुन वे सोनू के घर दौड़ पड़े।
सर्च ऑपरेशन में आगे-आगे चलते थे
सोनू मार्च 2017 में सीआरपीएफ के 170 नंबर बटालियन में भर्ती हुआ था। कोरोना काल के समय वह घर आया था। हालांकि छुट्टी समाप्त होने के बाद भी वह कोरोना के कारण कुल 50 दिनों तक घर पर रहा। सोनू के बड़े भाई ग्वालियर में एयरफोर्स में हैं। शुक्रवार को सुबह सोनू का पार्थिव शरीर पटना एयरपोर्ट पर आएगा।
बताते चलेंं कि सोनू नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन के लिए निकले थे। असिस्टेंट कमांडेंट राजकुमार 40 जवानों का नेतृत्व कर रहे थे। सोनू गाइड का काम करते थे। गाइड के कारण ही वह आगे आगे चलते थे। 11 बजे रात्रि जब वे लोग ऑपरेशन से लौट रहे थे तो विद्युुत प्रवाहित तार की चपेट में आ जाने के कारण उनकी मौत हो गई।