जदयू ने दिया कड़ा संदेश- कोई भी कीमत चुकाएंगे, बिहार में हिंसा स्वीकार नहीं
जदयू ने कड़ा संदेश देते हुए कहा है कि किसी भी हाल में बिहार में सांप्रदायिकता के नाम पर लोगों के बीच वैमनस्य नहीं होने देंगे। चाहे इसकी कोई भी कीमत क्यों ना चुकानी पड़े?
पटना [जेएनएन]। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस समय बिहार में हो रहे दंगों को लेकर विपक्ष की तीखी आलोचनाएं झेल रहे हैं। जहां एक ओर तेजस्वी यादव सहित राजद नेता नीतीश कुमार पर हमलावर हैं तो वहीं कांग्रेस ने उनको 'असहाय' बता दिया है।
सीएम नीतीश कुमार की 'धर्मनिरपेक्ष' और 'सुशासन' की छवि को नुकसान होते देख जेडीयू की ओर से भी बीजेपी को कड़ा संदेश देने की कोशिश की गई ताकि पार्टी अपने नेताओं पर लगाम लगाए। जेडीयू के महासचिव श्याम रजक ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि नीतीश जी कभी कानून-व्यवस्था के नाम पर समझौता नहीं करते है। चाहे इसके लिए कुछ भी हो जाए। पार्टी इसके लिए कोई भी कीमत देने के लिए तैयार है।
इससे पहले सीएम नीतीश कुमार ने भी कहा था कि किसी हाल में बिहार में हिंसा और आपसी सौहार्द बिगाड़ने की नीयत को स्वीकार नहीं करेंगे। एेसा माना जा रहा था कि जो लोग इस तरह के काम में लगे हैं और सांप्रदायिकता के नाम पर बिहार की शांति को भंग कर रहे हैं उनके लिए ये कड़ा संदेश था।
बिहार के विभिन्न जिलों में रामनवमी के बाद उत्पन्न सांप्रदायिक तनाव व हिंसा पर अपना बयान देते हुए शुक्रवार को जदयू नेता ने कहा कि भगवान श्री राम के नाम पर समाज में उन्माद फैलाने वाले बख्शे नहीं जाएंगे।
प्रदेश जदयू प्रवक्ता एवं विधान पार्षद नीरज कुमार ने रामनवमी पर्व के दौरान राज्य के कुछ जगहों पर सांप्रदायिक तनाव फैलाने की घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे उन्मादी तत्व अब कानून की गिरफ्त में आ रहे हैं। प्रशासन अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहा है। ऐसे तत्व जेल के रास्ते में हैं।
उन्होंने कहा कि रामनवमी के समय राज्य के कुछ जगहों पर उन्मादी तत्वों द्वारा तनाव फैलाया गया है, जो हमारे लिए चिंता का विषय है। प्रशासन अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहा है तथा ऐसे तत्व कानून की जद में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम के नाम पर या अल्लाह के नाम पर आस्था सबको है, परंतु हिंसा फैलाने की इजाजत किसी को नहीं है।
उन्होंने कहा कि मेरी मुफ्त सलाह है कि जो भगवान श्रीराम के नाम पर समाज में उन्माद फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, वे जेल में बैठकर बेलपत्र पर कम से कम एक करोड़ बार श्रीराम का नाम लिखकर उन्माद से मुक्ति पा लें।उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं के आधार पर राज्य की छवि बिगाडऩे की जो कोशिश हो रही है। ऐसे लोग अपनी पार्टी का भी फायदा नहीं पहुंचा रहे। जो हल्ला कर रहे वह भी अपना नुकसान कर रहे। दंगा और तनाव में अंतर विपक्षी पार्टियों को समझना चाहिए।
लेकिन बिहार में आए दिन छोटी-छोटी घटनाओं को विस्तृत रुप देकर माहौल को बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन पुलिस और प्रशासन के आगे किसी की नहीं चल रही है और स्थिति को तुरत नियंत्रित कर लिया जा रहा है। बता दें कि रामनवमी से लेकर ही बिहार के भागलपुर से शुरू हुई हिंसा समस्तीपुर के कुछ इलाकों के साथ ही कुछ जिलों में बढ़ती चली जा रही है।
मुख्यमंत्री इन घटनाओं से काफी असहज महसूस कर रहे हैं और पुलिस और प्रशासन को किसी भी विपरीत स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने को कहा गया है।