यूपी चुनाव में योगी के मददगार बनेंगे बिहार के CM नीतीश! इन सीटों पर पड़ सकता है असर
Bihar-UP Politics यूपी में भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लडऩे की योजना में जदयू केसी त्यागी का दावा योगी आदित्यनाथ के साथ हो रही सकारात्मक बातचीत सहमति नहीं बनने पर अपने बूते दो सौ सीटों पर प्रत्याशी उतारेगा जदयू
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की पार्टी जदयू (JDU) इस बार उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के विधानसभा चुनाव (UP assembly election) में भाजपा (BJP) के साथ मिलकर चुनाव लडऩे की तैयारी में है। इस बाबत आरंभिक मंत्रणा शुरू हो गई है। अगर सीटों को लेकर बात नहीं बनी, तो जदयू अकेले दो सौ सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगा। यूपी में जदयू के प्रभारी केसी त्यागी (K C Tyagi) का कहना है कि पिछले दिनों इस संबंध में उनकी वहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Aadityanath) से बातचीत हुई है। बातचीत के सकारात्मक तरीके से आगे बढऩे की संभावना है।
पहले भी यूपी में ताकत आजमा चुका है जदयू
आपको बताते चलें कि एक समय अपना दल के साथ समझौता कर जदयू ने यूपी में चुनाव लड़ा था, लेकिन बहुत कुछ हासिल नहीं हुआ। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान जदयू ने काफी तैयारी की थी, लेकिन आखिर समय में यह तय हुआ कि वह यूपी में अपने प्रत्याशी नहीं देगा।
यूपी में अति पिछड़ा वर्ग में उबाल, जिस पर जदयू का प्रभाव
केसी त्यागी का कहना है कि यूपी में इन दिनों अति पिछड़ा वर्ग के लोगों के बीच उबाल है। सही तरीके से अपनी हिस्सेदारी नहीं मिलने की बात कही जा रही है। निषाद पार्टी के नेता गुस्से में हैं। कुर्मी समाज व अन्य अति पिछड़ा वर्ग के लोगों में असंतोष है। ऐसे में जदयू की सोच है वह बिहार से सटे यूपी के इलाकों में भाजपा के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरे। इन इलाकों में सामाजिक ताना-बाना बिहार की तरह ही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चर्चा होती रही है। अति पिछड़ा वर्ग के लोगों के आधार वोट पर जदयू का प्रभाव है।
पंचायत चुनाव में अति पिछड़ा वर्ग ने दिखा दिया है रुख
बिहार में सक्रिय विकासशील इनसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी भी दो जुलाई को यूपी पहुंच रहे हैं। ऐसे में जदयू की कोशिश है कि अति पिछड़ा वर्ग के वोटों का बिखराव रोका जाए। पंचायत चुनाव में इस समाज के मतदाताओं का रुख साफ-साफ दिखा भी है। वहीं जदयू ने यह भी तय कर रखा है कि अगर भाजपा के साथ सीटों को लेकर बात नहीं बनती है, तो छोटे-छोटे दलों को जोड़कर दो सौ सीटों पर प्रत्याशी उतारे जाएंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले से उनके स्टार प्रचारक के रूप में हैं। इलाहाबाद, वाराणसी और देवरिया में उनकी जनसभा कराने की भी योजना है।