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जदयू के नेता-मंत्री एक न्‍यौते पर शादी-विवाह में आएंगे, कोई परेशानी हो रही हो तो उसे भी करेंगे दूर

जनाधार बढ़ाने को ले अब सामाजिक सरोकार बढ़ाना जदयू का एक बड़ा एजेंडा होगा उच्च स्तर पर दी गयी है हिदायत कि शादी-ब्याह व अन्य सामाजिक आयोजनों में जदयू के प्रतिनिधि लोगों के घर जाएं लोगों की समस्याओं पर व्यक्तिगत रूप से जाकर करेंगे बात

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 01:15 PM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2021 01:15 PM (IST)
बिहार में संगठन को मजबूत करने में जुटा जदयू। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। जदयू (JDU) अब सामाजिक सरोकार को बढ़ाने के एक बड़े एजेंडे के साथ अपने को सक्रिय करेगा। उच्च स्तर पर यह फॉरमेट तय कर दिया गया है कि किस तरह से जदयू को अपने सामाजिक सरोकार को विस्तार देना है। इसके केंद्र में यह है कि सामाजिक सरोकार जितना प्रगाढ़ होगा उसका असर पार्टी की मजबूती पर उतना ही अधिक होगा। पार्टी से लोगों को जोडऩे की कवायद का भी यह एक माध्यम है। जनाधार बढ़ाने की बात भी आगे बढ़ेगी।

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शादी-ब्याह व अन्य सामाजिक कार्यक्रमों से जुड़ेंगे जदयू के लोग

सामाजिक सरोकार को बढ़ाने का जो फॉरमेट उच्च स्तर पर तैयार किया गया है उसमें यह बात प्रमुखता है कि जदयू के प्रतिनिधि या फिर पदाधिकारी शादी-ब्याह या फिर अन्य सामाजिक आयोजनों में पूरे जोश के साथ शामिल होंगे। अगर कोई समस्या आती है तो उसके निदान के लिए संबंधित पक्ष के साथ खड़े होंगे। इससे लोगों में उनके दल के लिए प्रति सम्मान का भाव पैदा होगा।

लोगों की समस्याओं पर व्यक्तिगत रूप से मिल कर करेंगे बात

सामाजिक सरोकार बढ़ाने के क्रम में जदयू के लोग स्थानीय स्तर लोगों से व्यक्तिगत रूप से मिलेंगे। उनकी अगर कोई समस्या है तो उनसे बात कर उसे सुलझाने का प्रयास भी करेंगे। समाज के हर वर्ग से मिलने की हिदायत दी गयी है। सरकार की योजना से अगर किसी व्यक्ति को लाभ मिलता है तो उस दिशा में भी आगे बढ़कर उसकी मदद की हिदायत दी गयी है। इस क्रम में सात निश्चय-2 से जुड़ी योजनाओं को भी प्राथमिकता में रख लोगों से बात की जानी है।

पर्यावरण संरक्षण पर भी खूब करनी है बात, प्रेरित करने का भी टास्क

जदयू के स्थानीय स्तर के नेताओं और कार्यकर्ताओं को यह टास्क दिया गया है कि सामाजिक सरोकार बढ़ाने के क्रम में लोगों से जब वे मिलें तो उनसे पर्यावरण संरक्षण पर भी खूब बातें करें। जल-जीवन-हरियाली अभियान की चर्चा अनिवार्य रूप से करें। पौधरोपण व वृृक्षों के संरक्षण के प्रति भी प्रेरित करने को कहा गया है।


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