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लालू यादव की किताब पर JDU का पलटवार- उनके काल में बंदर के पास थी सत्‍ता!

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की किताब गोपालगंज टु रायसीना में मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर विवादित बातें हैं। इसपर जदयू ने क्‍या पलटवार किया हैजानिए इस खबर में।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 07 Apr 2019 02:08 PM (IST)Updated: Sun, 07 Apr 2019 11:48 PM (IST)
लालू यादव की किताब पर JDU का पलटवार- उनके काल में बंदर के पास थी सत्‍ता!
लालू यादव की किताब पर JDU का पलटवार- उनके काल में बंदर के पास थी सत्‍ता!
पटना [जेएनएन]। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की किताब 'गोपालगंज टु रायसीना: माइ पॉलिटिकल जर्नी' को लेकर बिहार में सियासत गर्म है। वार-पलटवार का दौर लगातार जारी है। किताब में लिखा है कि बिहार में राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनने के बाद मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को दूत बनाकर लालू प्रसाद यादव के पास महागठबंधन में लौटने का प्रस्‍ताव भेजा था, जिसे लालू ने नहीं माना।
रविवार को जदयू प्रवक्‍ता संजय सिंह ने इसे खारिज करते हुए तंज किया कि किताब का नाम 'गोपालगंज टू होटवार वाया रायसीना' होना चाहिए था। उन्‍होंने कहा कि लोग लालू के शासनकाल की तुलना बंदर के हाथों में सत्‍ता से करते थे। उधर, अपनी प्रतिक्रिया में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने लालू को राम नाम जपने की सलाह देते हुए कहा कि ऐसा नहीं करने पर वे नरक में जाएंगे।
जदयू का तंज: लालू के काम में बंदर के हाथ में थी सत्‍ता
लालू की किताब में मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के संबंध में आपत्तिजनक व विवादित बातें लिखी हुई हैं। इसपर प्रतिक्रिया देते हुए जदयश प्रवक्‍ता संजय सिंह ने कहा कि लालू को अपनी किताब में अपने भ्रष्‍टाचार के बारे में भी लिखना चाहिए था। उनका पूरा परिवार भ्रष्‍टाचार में लिप्‍त रहा है। संजय सिंह ने कहा कि लालू के 15 साल के कार्यकाल में लोग कहते थे कि सत्‍ता बंदर के हाथ में चली गई है।
संजय सिंह ने लालू की किताब में लिखी इस बात का भी खंडन किया कि राजग की सरकार बनने के बाद मुख्‍यमंत्री अपने राजनीतिक सलाहकार प्रशांत किशोर के माध्‍यम से लालू के संपर्क में गए थे तथा फिर महागठबंधन में लौटने की पेशकश की थी।
राम नाम जपें लालू, नहीं तो नर्क में मिलगी जगह: चौबे
बक्सर सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी व केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री अश्विनी चौबे ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि लालू यादव को अपना संस्कार नहीं भूलना चाहिए। उन्‍होंने लालू को जीवन भर राम नाम जपने की नसीहत दी तथा कहा कि इससे मोक्ष मिलेगा, नहीं तो नरक में जाएंगे।
अविश्‍नी चौबे ने कहा कि लालू ने अपने समय में समाज को तोड़ा, आज उनका परिवार टूट रहा है। बड़ों का संस्कार ही तो बच्चों में आता है।
अब मुखिया बनने लायक भी नहीं रहे लालू: सुशील मोदी
इससे पहले बिहार के उपमुख्‍यमंत्री सुशील मोदी ने भी लालू की किताब पर निशाना साधा। उन्‍होंने कहा कि लालू जेल के अंदर हैं, इसलिए चर्चा में रहने के लिए किताब लिख रहे हैं। लोगों को मालूम है कि राजद का शासन कैसा था। सुशील मोदी ने कहा कि रायसीना लालू के लिए अब सिर्फ सपना ही रहेगा, क्योंकि अब वे मुखिया बनने लायक भी नहीं रहे।
क्‍या है मामला,जानिए
विदित हो कि लालू यादव ने अपनी किताब 'गोपालगंज टु रायसीना: माइ पॉलिटिकल जर्नी' में दावा किया है कि नीतीश कुमार महागठबंधन में लौटना चाहते थे और इसके लिए उन्होंने अपने दूत प्रशांत किशोर को उनके पास भेजा था। लेकिन लालू ने मना कर दिया था। लालू के बेटे व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसे सही बताया है। तेजस्वी ने यह भी कहा कि प्रशांत किशोर इसके लिए उनसे मिले थे।
किताब की बातों व उसपर तेजस्‍वी की प्रतिक्रिया का प्रशांत किशोर ने खंडन किया। प्रशांत किशोर ने तेजस्वी पर सीधा हमला किया तथा लालू के दावे को बोगस बताया।

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