Lok Sabha Election 2019: गया से पूर्व मुख्यमंत्री मांझी को मिली शिकस्त, JDU के विजय जीते
दो मांझी के लड़ने से सबकी नजर में रही गया लोकसभा सीट पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जितनराम मांझी को हार मिली है। यहां से जेडीयू के विजय मांझी की नैया पार लग गई है।
गया, जेएनएन। एनडीए छोड़कर महागठबंधन का दामन थामने वाले हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को जनता ने गया संसदीय सीट पर एक बार फिर नकार दिया। इस बार गया से JDU के विजय मांझी को जीत मिली है। विजय कुमार पहली बार संसद पहुंचे हैं। जितनराम मांझी इससे पहले दो बार कांग्रेस और जदयू के टिकट पर गया लोकसभा से चुनाव लड़ चुके हैं मगर दोनों बार ही उन्हें हार का सामना करना पड़ा है।
नहीं मिला पूर्व मुख्यमंत्री होने का फायदा
2014 लोकसभा चुनाव में गया की सीट भाजपा के पास थी। पिछली बार यहां हरि मांझी सांसद चुने गए थे, लेकिन इस बार सीटों के बंटवारे में यह जदयू के खाते में चली गई। जदयू से सांसद चुने गए विजय पूर्व सांसद स्व. भगवती देवी के पुत्र हैं। जीतनराम और विजय मांझी दोनों ही गया के रहने वाले हैं। मांझी को महागठबंधन के घटक दलों के वोट और पूर्व मुख्यमंत्री होने के लाभ का अनुमान था, पर एक बार फिर एनडीए ने इस सीट पर अपना वजूद बरकरार रखते हुए उन्हें शिकस्त दे दी।
तेजस्वी ने की थीं ताबड़तोड़ सभाएं
यहां चुनावी मुद्दों में सीन बिल्कुल स्पष्ट था। एनडीए राष्ट्रीयता और विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहा था। वहीं, दूसरी ओर महागठबंधन संविधान बचाओ के नारे के साथ मैदान में उतरा। पूरे बिहार में महागठबंधन की ओर से केंद्र में रहे सबसे बड़े घटक दल राजद के नेता तेजस्वी यादव ने नेतृत्व की कमान संभाल रखी थी। उन्होंने गया में भी ताबड़तोड़ सभाएं की। लेकिन इसका कोई असर नहीं रहा। जीतनराम के पक्ष में राजद के माई और रालोसपा नेता उपेंद्र कुशवाहा के बूते कुशवाहा वोटों का समीकरण था। वहीं, मांझी समुदाय से आने वाले जीतनराम का अपना कुनबाई वोट। चुनावी नैया इसी के बूते पार लगाने की कोशिश थी, पर परिणाम ने यह साफ कर दिया कि एनडीए के मुद्दों के आगे ये समीकरण पूरी तरह ध्वस्त थे।
गया सीट पर रहा है मांझी का कब्जा
पिछले 20 साल से गया सीट पर मांझी का कब्जा रहा है। साल 1999 में भाजपा के रामजी मांझी, 2004 में राजद के राजेश कुमार मांझी और अब 2009 व 2014 में भाजपा के हरि मांझी यहां से सांसद रहे। 2014 में भाजपा के हरि मांझी को 3,26,230 वोट मिले थे। जबकि, राजद के रामजी मांझी 2,10,726 और तत्कालीन जदयू नेता जीतन राम मांझी को 1,31,828 वोट मिले थे। 2009 में भाजपा के हरि मांझी को 2,46, 255, राजद के रामजी मांझी को 1,83,802 और कांग्रेस के संजीव प्रसाद टोनी को 54,581 वोट मिले थे।
2014 के परिणाम
हरि मांझी (बीजेपी)- 3,26,230
रामजी मांझी (आरजेडी)- 2,10,726
जीतन राम मांझी (जदयू)- 1,31,828
जीत-हार का अंतर- 115504
2009 के परिणाम
हरि मांझी- (बीजेपी)- 2,46, 255
रामजी मांझी- 1,83,802
संजीव प्रसाद टोनी- 54,581
जीत-हार का अंतर- 62453
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